पिछले सप्ताह अभिनेत्री एवं मॉडल पूनम पांडे की मौत की फर्जी खबर फैलाने में शामिल रही मीडिया कंपनी श्बांग ने सर्विकल कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने को लेकर अपनाये गए तरीके की आलोचना के बाद माफी मांगी है। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी दावा किया कि उनके इस अभियान से इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं।
मुंबई स्थित कंपनी ने इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक बयान में, झूठी खबर का हिस्सा होने की बात स्वीकार की, जिसकी सोशल मीडिया पर मशहूर हस्तियों और उपयोगकर्ताओं ने कड़ी आलोचना की है। कंपनी ने कैंसर से प्रभावित लोगों से माफ़ी मांगते हुए कहा-, ‘‘हम हाउटरफ्लाई के सहयोग से सर्विकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पूनम पांडे की पहल में शामिल थे। एक विशेष ढंग से इसकी शुरुआत करने के लिए, हम दिल से माफी मांगना चाहेंगे - विशेष रूप से उन लोगों से जिनके किसी प्रियजन को किसी भी प्रकार के कैंसर की कठिनाई का सामना करना पड़ा है।"
कंपनी ने अपने कृत्य का बचाव करते हुए दावा किया कि पांडे के निधन की झूठी सूचना फैलाने का एकमात्र उद्देश्य "सर्विकल कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना" था। बयान में कहा गया- ‘‘आपमें से बहुत से लोग अनजान हो सकते हैं, लेकिन पूनम की मां ने बहादुरी से कैंसर से लड़ाई लड़ी है। अपने किसी करीबी के इस तरह की बीमारी से लड़ने की चुनौतियों से गुजरने के बाद, वह रोकथाम के महत्व और जागरूकता की गंभीरता को समझती हैं, खासकर जब इसका एक टीका उपलब्ध है।''
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट 2024 के तहत 9 से 14 वर्ष की लड़कियों के लिए सर्विकल कैंसर रोधी टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित करने की सरकार की योजना की घोषणा के एक दिन बाद शुक्रवार को पांडे की मौत की फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर फैलनी शुरू हो गईं। बयान में, मीडिया कंपनी ने दावा किया कि बजट सत्र के दौरान जब सीतारमण ने इसका उल्लेख किया तो "सर्विकल कैंसर के बारे में लोगों की जिज्ञासा में कोई बदलाव नहीं आया।'' श्बांग ने यह भी दावा किया कि पांडे द्वारा यह तरीका अपनाये जाने के परिणामस्वरूप "सर्विकल कैंसर और इससे संबंधित शब्द ‘सर्च इंजन' पर सबसे अधिक खोजे जाने वाले विषय" बन गए।