बचपन से यह बात सबने सुनी है कि बच्चों को पोलियो का टीका जरुर लगवाना चाहिए। ऐसे में हर माता-पिता समय-समय पर बच्चों को पोलियो की खुराक या टीका जरुर दिलवाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पोलियो क्या है और कैसे फैलता है तो आपको बता दें कि यह एक संक्रामक बीमारी है जो ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को घेरती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है ये दूषित पानी या भोजन के जरिए भी फैल सकता है। यह सीधे व्यक्ति के नर्वस सिस्टम पर असर कर सकता है और पैरालाइसिस का कारण बन सकता है। ऐसे में बच्चों में पोलियो होने पर कुछ लक्षण नजर आते हैं। आज विश्व पोलियो दिवस मनाया जा रहा है ऐसे में आपको बताते हैं कुछ ऐसे आम लक्षण बताते हैं जो बच्चों में दिखते हैं.....
सिरदर्द
पोलियो से जूझ रहे बच्चों को अक्सर तेज बुखार होने लगता है। यह पोलियो के पहले लक्षणों में से एक हैं। हालांकि वैसे बच्चों को कई कारणों से बुखार हो सकता है। कई बार तो यह किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है।
गर्दन और पीठ में अकड़न
बच्चों की मांसपेशियों में अकड़न, दर्द मुख्यतौर पर गर्दन और पीठ का दर्द मुख्य तौर पर पोलियो का लक्षण हो सकता है। हालांकि बच्चे ज्यादा देर तक होमवर्क करने बैठते हैं तो भी उन्हें गर्दन और पीठ में दर्द हो सकता है।
थकान
बड़ों के मुकाबले बच्चे हर समय एनर्जेटिक रहते हैं। वह ज्यादातर खेलने-कूदने में ही व्यस्त रहते लेकिन यदि बच्चों को ज्यादा कमजोरी अनुभव हो और वह आसानी से थकते हैं तो आप थोड़ा ध्यान जरुर दें।
बुखार
पोलियो के कारण बच्चों को तेज बुखार भी आ सकता है। यह आमतौर पर पहला लक्षण हो सकता है। हालांकि बच्चों को बुखार कई कारण से होता है लेकिन ज्यादा बुखार रहना बच्चे के लिए समस्या खड़ी कर सकता है। ऐसे में पेरेंट्स इसे इग्नोर न करें।
कमजोरी और लकवा
बच्चों में पोलियो का लक्षण मसल्स में कमजोरी भी माना जाता है। कुछ गंभीर मामलों में इसके कारण बच्चों को पैरालाइसिस भी हो सकता है।
कैसे करें बचाव?
एक्सपर्ट्स की मानें तो पोलियो की वैक्सीनेशन के जरिए आप बच्चों को इससे बचा सकते हैं। आजकल बच्चों को जन्म के बाद से पोलियो वैक्सीन लगते हैं और उसकी दवाई भी पिलाई जाती है। भले ही भारत में आज पोलियो न हो लेकिन वातावरण में अब भी वाइल्ड पोलियो वायरस हो सकता है ऐसे में इससे बच्चों को बचाने के लिए पोलियो की वैक्सीन जरुर लगवाएं और यदि उनमें कोई लक्षण दिखता है तो डॉक्टर से जांच जरुर करवाएं।