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बदल जाएगा शू साइजिंग सिस्टम, अब  US, UK साइज नहीं भारतीय नंबर के बनेंगे जूते

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 24 Apr, 2024 06:31 PM
बदल जाएगा शू साइजिंग सिस्टम, अब  US, UK साइज नहीं भारतीय नंबर के बनेंगे जूते

जूते चुनना भी कोई आसान काम नहीं है। कई बार लोग अपने ही पैर के साइज को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं।  UK वाला साइज़ और  US वाले साइज में इंसान इतना उलझ जाता है कि वह समझ हीं नहीं पाता कि उसका साइज कौन सा है। इस झंझट से छुटकारा मिलने वाला है, क्योंकि अब बाजार में भारतीय पैरों के मुताबिक जूते मिलने वाले हैं। यानी कि अब आपके पैराें को मिलेंगे बेहतर कंफर्ट वाले जूते।

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जूतों को लेकर नया सिस्टम होगा लागू

दरअसल देश का मानक ब्यूरो BIS (Bureau of Indian Standards) इसके लिए स्टैंडर्ड जारी करने वाला है। नए स‍िस्‍टम के तहत जूते-चप्पलों के इंड‍ियन स्‍टैंडर्ड पांव तैयार हो रहे हैं, इसके लिए 'भा' कोड का इस्‍तेमाल क‍िया जाएगा, ज‍िसका मतलब भारत से है। कहा जा रहा है कि साल 2025 से  फुटव‍ियर कंपन‍ियां अलग से भारतीयों के लिए फुटव‍ियर तैयार करेंगी। भारतीय जूतों के साइज को लेकर दिसंबर 2021 से मार्च 2022 के बीच एक सर्वे किया गया था।


एक लाख लोगों के पैरों का किया गया सर्वे

काउंस‍िल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च और सेंट्रल लेदर रिसर्च भार इंस्टीट्यूट द्वारा देशभर में किए गए सर्वे के बाद भारतीय पैरों के मुताबिक आकार तय हुआ है। इसके लिए 4 से 55 आयु वर्ग के एक लाख लोगों के पैरों का 3D आकार इकट्ठा किया गया। इसमें 4-11 बच्चों, 12-18 बड़े बच्चे या युवा और 19-55 वयस्क पुरुष और महिला आयु वर्ग निर्धारित किया गया था। इस दौरान 3D फुट स्कैनिंग मशीनों के जरिए भारतीय लोगों के पांव के नाप लिए गए और पैर के आकार, संरचना को समझने की कोशिश की गई। 

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अधिक चौड़े जूते पहनते हैं भारतीय

सर्वे में यह पता चला कि एक औसत भारतीय महिला के पैर के आकार में वृद्धि 11 साल की उम्र में चरम पर होती है जबकि एक भारतीय पुरुष के पैर के आकार में वृद्धि लगभग 15 या 16 साल में होती है। सर्वे से पहले यह माना जाता था कि पूर्वोत्तर भारत के लोगों के पैरों का आकार बाकी के क्षेत्रों में रह रहे लोगों की तुलना में औसतन छोटा होता है। हालांकि सर्वे में भारतीयों के पैर यूरोपीय या अमेरिकियों की तुलना में अधिक चौड़े पाए गए।

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 'भा' के बाद सभी दिक्कतों से मिलेगा छुटकारा

 यूके/यूरोपीय/यूएस साइज सिस्टम के तहत कम चौड़े जूते बनते हैं, जबकि भारतीय ऐसे जूते पहनते हैं जो थोड़े बड़े होते हैं। इस तरह कहीं ना कहीं हम अपने पैरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। क्योंकि गलत साइज के जूते पहनना बड़ी बीमारियां पैदा कर सकता है, इससे पैरों में दर्द हो सकता है, Spine से जुड़ी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।  'भा' का उद्देश्य इस तरह की सभी दिक्कतों से छुटकारा दिलाना है। ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय साइज सिस्टम आने से जूते और आरामदायक बनेंगे। 

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