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पीएम मोदी की अपील का असर, अब विदेश नहीं देश में ही शादी करना चाहते हैं लोग

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 14 Feb, 2024 11:36 AM
पीएम मोदी की अपील का असर, अब विदेश नहीं देश में ही शादी करना चाहते हैं लोग

देश के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदों पर खड़े उतर रहे हैं, तभी तो उनके कहने पर शादियाें के लिए विदेश नहीं अपने देश को चुन रहे हैं। कुछ दिन पहले पीएम ने मन की बात में उन परिवारों से सवाल किया जो विदेशों में शादियां आयोजित करते हैं और उन लोगों से ऐसे समारोह भारत में आयोजित करने का आग्रह किया था, उनकी इस अपील का असर अब दिखने लगा है। 

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छह महीनों में चार लाख शादियाें की उम्मीद

इस शादी के मौसम में देश में 15 जनवरी से 15 जुलाई के बीच 42 लाख से अधिक शादियां होने की उम्मीद है, जिस पर 5.5 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा। व्यापारियों के एक संगठन के अनुमान के मुताबिक, अकेले दिल्ली में इन छह महीनों में चार लाख से अधिक शादियां होने की उम्मीद है, जिससे 1.5 लाख करोड़ रुपये की व्यापारिक समृद्धि आएगी।


पिछले सीजन हुई 35 लाख शादियां 

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रिसर्च विंग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि शादी के सीजन के दौरान लगभग पांच लाख शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपये खर्च होंगे। सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया का कहना है कि प्रधान मंत्री की अपील के बाद, लोग देश के भीतर ही शादियां करने का मन बना रहे हैं। इस छह महीने की अवधि के दौरान, बाजारों में शादी से संबंधित खरीदारी के माध्यम से लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह होगा।पिछले साल शादी के सीजन के दौरान करीब 35 लाख शादियां हुईं, जिसमें 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था। 

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इस साल करोड़ों रुपए होंगे खर्च

व्यापारियों के निकाय ने बताया कि  दिल्ली सहित देश भर में बैंक्वेट हॉल, होटल, खुले लॉन, सामुदायिक केंद्र, सार्वजनिक पार्क, फार्महाउस और विभिन्न अन्य विवाह स्थल पूरी तरह से बुक हैं। प्रत्येक शादी में सामान खरीदने के अलावा, सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला भी मांग में है, जिसमें टेंट डेकोरेटर, फूलों की सजावट, क्रॉकरी, खानपान सेवाएं, यात्रा सेवाएं, कैब सेवाएं, पेशेवर स्वागत समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड, संगीतकार शामिल हैं। 

 

इन चीजों की बढ़ी डिमांड

शादी के सीजन से पहले घर की मरम्मत और पेंटिंग का भी बड़ा कारोबार होता है। इसके अतिरिक्त, आभूषण, साड़ी, लहंगा-चूनी, फर्नीचर, रेडीमेड परिधान, कपड़े, जूते, शादी और ग्रीटिंग कार्ड, सूखे मेवे, मिठाई, फल, पूजा सामग्री, किराने का सामान, खाद्यान्न, सजावट का सामान, घर की सजावट, की भी उच्च मांग है। याद हो कि प्रधानमंत्री ने अपने मासिक प्रसारण कार्यक्रम 'मन की बात' के 107वें एपिसोड में कहा था कि-  "अब शादी का सीजन भी शुरू हो गया है. कुछ व्यापार संगठनों का अनुमान है कि इस शादी सीजन के दौरान लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है, शादियों के लिए खरीदारी करते समय आप सभी को केवल भारत में बने उत्पादों को ही महत्व देना चाहिए."। 

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पीएम ने की थी ये अपील

पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि-  "अगर हम शादी के उत्सव भारत की धरती पर, भारत के लोगों के बीच मनाएंगे, तो देश का पैसा देश में ही रहेगा. देश के लोगों को आपकी शादी में कुछ सेवा करने का अवसर मिलेगा। गरीब लोग भी अपनी बात तथा बच्चे उस अवसर के बारे में बताएंगे."। पीएम ने कहा था कि क्या-   "आप 'वोकल फॉर लोकल' के इस मिशन पर विस्तार से बता सकते हैं? हम अपने ही देश में ऐसे विवाह समारोह क्यों नहीं आयोजित करते? संभव है कि जिस तरह की व्यवस्था आप चाहते हैं, वह आज नहीं हो, लेकिन अगर हम ऐसे आयोजन करेंगे तो व्यवस्थाएं भी विकसित होंगी "। 
 

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