कोरोना वायरस के चलते जहां लोग अपने परिवार की मदद करने से भी कतरा रहे हैं वहीं एक महिला गैरों की मदद में जुटी हुई है। मुंबई की महिला कैब ड्राइवर विद्या से अपने परिवार से दूर लोगों को उनके घर पहुंचाने का जिम्मा अपने सिर ले लिया है।
नौकरी गई लेकिन हौंसला बरकरार
27 साल की विद्या अपने पति और बच्चों के साथ मुंबई, मुलुंद इलाके में रहती हैं। लॉकडाउन के चलते उन्हें भी अपनी नौकरी से हाथ गवांना पड़ा लेकिन बावजूद इसके विद्या ने अपना हौंसला नहीं छोड़ा और लोगों की मदद करने का फैसला किया।
मुसीबत में फंसे 200 लोगों को पहुंचाया घर
नौकरी न होते हुए भी विद्या खुद की कैब से मुसीबत में फंसे लोगों को उनके घर पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने यह नेक काम 28 मार्च से शुरू किया था और वह अब तक करीब 200 लोगों को सुरक्षित घर तक छोड़कर आ चुकी हैं। इस काम के लिए उन्हें किसी भी तरह कोई आर्थिक मदद भी नहीं मिली।
मुझे हालातों की गंभीरता पता थी: विद्या
विद्या बताती हैं, "मुझे हालातों की गंभीरता पता थी। ट्रेन और बसे बंद होने के कारण कई लोग अपने घर नहीं जा पा रहे थे। ऐसे में मैंने अपने पति की कार उठाई, जिसे मैं अपनी नौकरी के लिए इस्तेमाल करती थी और लोगों को घर पहुंचाना शुरू किया। मैंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला, ताकि लोगों की मदद कर पाऊं। 10 मिनट ही मुझे कई फोन आ गए, जिसमें बुजुर्ग, मजदूर से लेकर गर्भवती महिलाएं शामिल थी।"
पति ने दिया साथ
क्योंकि विद्या को ज्यादातर कस्टमर्स एमरजेंसी वाले लोगों की कॉल आई थी इसलिए उन्हें परमिशन लेने में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। विद्या के इस काम में उनके पति ने भी उनका पूरा साथ दिया। बता दें कि इससे पहले विद्या ऑटो रिक्शा चलाने का काम करती थी।
सेफ्टी का भी रखा ध्यान
उन्होंने लोगों को घर पहुंचाने के साथ सेफ्टी का भी पूरा ध्यान रखना। यही नहीं, उन्होंने अपने कार में भी हैंड सैनेटाइजर, मास्क जैसी सभी जरूरी चीजें रख ली, ताकि कोई परेशानी हो। विद्या प्रति कि.लो के हिसाब से 12 रुपए लेती हैं लेकिन अगर कोई कीमत नहीं चुका सकता तो उन्हें फ्री सेवा देती हैं।