नारी डेस्क: नवरात्रि पर जौ उगाने की परंपरा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह धार्मिक मान्यता है कि जौ (जिसे जवारा या हरेली भी कहा जाता है) को उगाने से माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि अगर इसमें गलती हो जाए तो ऐसा माना जाता है कि माता रानी नाराज हो सकती हैं। आइए जानें जौ उगाने के दौरान किन गलतियों से बचना चाहिए
जौ उगाने के दौरान ध्यान में रखें ये बातें
सफाई और शुद्धता का ध्यान
जौ उगाने के लिए जिस स्थान का चयन करते हैं, वह स्थान पूरी तरह से साफ और शुद्ध होना चाहिए। मिट्टी या बर्तन में गंदगी नहीं होनी चाहिए। घर के पूजास्थल की भी नियमित सफाई होनी चाहिए। जौ उगाने से पहले साफ कपड़े से पूजा स्थल और पात्र को साफ करें। शुद्ध गंगाजल का छिड़काव करें ताकि स्थान पवित्र हो सके।
समय पर जौ उगाएं
जौ उगाने का शुभ समय कलश स्थापना के साथ होता है, यानी नवरात्रि के पहले दिन। अगर इस समय पर जौ न उगाया जाए तो इसे अपशगुन माना जाता है। नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में ही जौ बोने का काम करें। कोशिश करें कि मुहूर्त का पालन हो।
गलत दिशा में ना बोएं जौ
वास्तु के अनुसार जौ उगाने के लिए दिशा का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। जौ को उत्तर-पूर्व दिशा या ईशान कोण में उगाना सबसे शुभ माना जाता है। पूजा के स्थान का चयन सही दिशा में करें और सुनिश्चित करें कि वह स्थान पवित्र हो।
पानी देने में ना करें लापरवाही
जौ उगाने के बाद रोजाना उन्हें पानी देना चाहिए, लेकिन ध्यान रखें कि बहुत अधिक या बहुत कम पानी न हो। जौ उगाने के लिए जिस मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है, वह साफ और उपजाऊ होनी चाहिए। गंदी या अनुपयुक्त मिट्टी का उपयोग करने से जौ अच्छे से नहीं उगते।
पूजन सामग्री में ना हो त्रुटि
जौ उगाने के दौरान कुछ विशेष पूजन सामग्री का उपयोग होता है, जैसे शुद्ध गंगाजल, हल्दी, कुमकुम, चावल आदि। अगर इनमें किसी चीज की कमी हो जाए या सही से इस्तेमाल न हो तो इसे अशुभ माना जाता है। सभी आवश्यक पूजन सामग्री पहले से ही तैयार रखें और शुद्धता का ध्यान रखें।
पूजा के दौरान ना भटकाएं ध्यान
जौ उगाते समय ध्यान भटकना या पूजा विधि में लापरवाही करने से माता रानी नाराज हो सकती हैं। पूजा पूरी श्रद्धा और समर्पण से करनी चाहिए। पूजा के दौरान एकाग्रता और श्रद्धा बनाए रखें। मन में माता रानी का ध्यान करते रहें।
जौ को सही तरीके से काटना
नवरात्रि के समापन पर, जौ काटने का भी एक विशेष समय और तरीका होता है। इसे बिना विधि के काटना शुभ नहीं माना जाता। अष्टमी या नवमी के दिन हवन के दौरान जौ को विधि-विधान से काटें और पूजा सामग्री के रूप में उनका उपयोग करें।
जौ उगाने के धार्मिक महत्व
जौ के अच्छे से उगने को घर में सुख-समृद्धि का संकेत माना जाता है। अगर जौ हरा-भरा और स्वस्थ उगता है, तो यह संकेत होता है कि माता रानी की कृपा आपके घर पर बनी हुई है। अगर जौ पीले या खराब हो जाते हैं, तो इसे अशुभ माना जाता है। इसलिए हर दिन सही देखभाल करना जरूरी है। जौ उगाना नवरात्रि की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसे सही तरीके से करके माता रानी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।