नारी डेस्क: सर्दियों में ठंड महसूस होना सामान्य है, लेकिन अगर आप हमेशा दूसरों की तुलना में ज्यादा ठंड का अनुभव करते हैं, तो यह किसी पोषक तत्व की कमी का संकेत हो सकता है। ठंड लगने की यह समस्या आमतौर पर आयरन, विटामिन B12, फोलेट और विटामिन C की कमी के कारण हो सकती है। आइए इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
शरीर का तापमान कैसे नियंत्रित होता है?
हमारा शरीर थर्मोरेगुलेशन नामक प्रक्रिया के जरिए तापमान को संतुलित बनाए रखता है। सामान्य स्थिति में हमारा कोर टेम्परेचर 98.6°F (37°C) होता है। यह मस्तिष्क, रक्त वाहिकाओं और स्वेट ग्लैंड्स की मदद से नियंत्रित होता है। ठंड के मौसम में शरीर गर्म रहने की कोशिश करता है और गर्मी में ठंडा। लेकिन यदि शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो, तो यह प्रक्रिया सही से काम नहीं कर पाती।
किन पोषक तत्वों की कमी से ठंड लगती है?
आयरन की कमी
आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण करने के लिए आवश्यक है। हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन को फेफड़ों से पूरे शरीर में पहुंचाने का काम करता है। अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाए, तो हीमोग्लोबिन का स्तर गिर जाता है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। यह स्थिति एनीमिया कहलाती है।
एनीमिया के लक्षण
ज्यादा ठंड लगना
जब शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो यह ऊर्जा उत्पन्न नहीं कर पाता, जिससे आपको दूसरों की तुलना में ज्यादा ठंड महसूस होती है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी का सीधा प्रभाव मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है, जिससे शरीर को गर्म रखने की क्षमता कमजोर हो जाती है। ठंड के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है, क्योंकि ठंडे वातावरण में शरीर को गर्मी बनाए रखने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है। साथ ही, यदि ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं है, तो हाथ-पैर जल्दी ठंडे हो जाते हैं और ठिठुरन का अहसास बढ़ जाता है।
थकावट और कमजोरी
ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर जल्दी थकने लगता है और कमजोरी महसूस होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर की मांसपेशियां और अंग पर्याप्त ऊर्जा नहीं प्राप्त कर पाते। दिनभर काम करते हुए या हल्की-फुल्की गतिविधियों के बाद भी शरीर थका हुआ महसूस करता है। इसके अलावा, व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है और अक्सर सिरदर्द या चक्कर आने की शिकायत हो सकती है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर शरीर कमजोर हो सकता है, जिससे रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो जाता है।
त्वचा का पीला पड़ना
रेड ब्लड सेल्स की कमी के कारण त्वचा का रंग हल्का पीला हो सकता है। यह एनीमिया का एक सामान्य लक्षण है। जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम हो जाती है, तो त्वचा में खून का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे चेहरा और शरीर पीला दिखने लगता है। साथ ही, होंठ और नाखून का रंग भी हल्का हो सकता है। गंभीर मामलों में आंखों की पलकों का अंदरूनी हिस्सा भी सफेद या हल्का पीला दिखाई देता है। यह संकेत है कि शरीर को तत्काल आयरन या अन्य पोषक तत्वों की जरूरत है। इन सभी लक्षणों को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। उचित आहार और डॉक्टर की सलाह से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। आयरन की कमी को दूर करने के लिए आयरन-युक्त आहार लेना जरूरी है, जैसे पालक, चुकंदर, अनार, सेब, सूखे मेवे और रेड मीट। साथ ही, आयरन सप्लीमेंट्स लेने के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
विटामिन B12 और फोलेट की कमी
विटामिन B12 और फोलेट शरीर में नई रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करते हैं। ये पोषक तत्व डीएनए और आरएनए के निर्माण के लिए भी आवश्यक हैं, जो सेल्स के विकास और मरम्मत में भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी से शरीर में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण प्रभावित होता है, जिससे ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्ट बाधित हो जाता है।
इसकी कमी के लक्षण
ठंड ज्यादा लगना ऑक्सीजन का प्रवाह सही तरीके से न होने के कारण शरीर को गर्मी बनाए रखने में कठिनाई होती है। थकावट और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई ऊर्जा की कमी के कारण मस्तिष्क और मांसपेशियों को अपना काम करने में परेशानी होती है। विटामिन B12 के लिए अंडे, मछली, दूध और डेयरी उत्पाद जैसे पनीर का सेवन करें। फोलेट के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक और फल जैसे संतरा, पपीता और एवोकाडो खाएं।
विटामिन C की कमी
विटामिन C न केवल शरीर में आयरन के अवशोषण में मदद करता है, बल्कि यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है, जो सेल्स को फ्री रेडिकल्स से बचाता है। यदि विटामिन C की कमी हो, तो शरीर आयरन को सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता, जिससे एनीमिया और कमजोरी की स्थिति पैदा हो सकती है।
इसकी कमी के प्रभाव ठंड का अहसास बढ़ना
आयरन का सही अवशोषण न होने के कारण शरीर को ऑक्सीजन और ऊर्जा नहीं मिलती।
इम्यूनिटी कमजोर होना
विटामिन C इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। इसकी कमी से बार-बार बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। खट्टे फलों जैसे संतरा, नींबू, आंवला, कीवी और अंगूर का सेवन करें। साथ ही, सब्जियों में शिमला मिर्च और टमाटर का भी सेवन फायदेमंद होता है।
ठंड ज्यादा लगने के संकेत
जब अन्य लोग सामान्य महसूस करें, लेकिन आप बहुत ज्यादा ठंड महसूस करें: यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी है। हाथ-पैर ठंडे रहना: रक्त प्रवाह कम होने के कारण हाथ-पैर हमेशा ठंडे रहते हैं। शरीर का कमजोर महसूस करना: ऊर्जा की कमी के कारण शरीर लंबे समय तक सक्रिय नहीं रह पाता। त्वचा का हल्का पीला पड़ना: यह शरीर में आयरन या विटामिन B12 की कमी का संकेत हो सकता है।
ठंड से बचने के लिए क्या करें?
आयरन युक्त आहार का सेवन करें
आयरन की कमी को पूरा करने के लिए अपने भोजन में पालक, मेथी, चुकंदर, अनार, सूखे मेवे और रेड मीट शामिल करें। दालें और बीन्स भी आयरन का अच्छा स्रोत हैं। आयरन के बेहतर अवशोषण के लिए इसे विटामिन C वाले फलों के साथ खाएं।
विटामिन B12 और फोलेट का सेवन करें
विटामिन B12 के लिए अंडे, मछली, चिकन, दूध और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फोलेट के लिए ब्रोकली, पालक, एवोकाडो, पपीता और अन्य हरी सब्जियां फायदेमंद हैं।
विटामिन C युक्त आहार शामिल करें
संतरा, नींबू, आंवला, कीवी और अंगूर जैसे खट्टे फलों का सेवन करें। साथ ही, शिमला मिर्च और टमाटर जैसी सब्जियां भी आपकी डाइट का हिस्सा होनी चाहिए।
शरीर की जांच कराएं
अगर ठंड का अनुभव लगातार बढ़ रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लड टेस्ट कराकर अपने आयरन, विटामिन B12 और फोलेट के स्तर की जांच कराएं। अगर कोई कमी पाई जाती है, तो डॉक्टर के निर्देशानुसार सप्लीमेंट्स लें।
दूसरों की तुलना में ज्यादा ठंड लगना एक सामान्य बात नहीं है। यह आयरन, विटामिन B12, फोलेट या विटामिन C की कमी का संकेत हो सकता है। सही आहार, जीवनशैली में बदलाव और समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर इस समस्या से बचा जा सकता है। स्वस्थ शरीर के लिए संतुलित पोषण और नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी है।