चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की आज से शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। बता दें कि नवरात्रि के दिनों में व्रत रखने का बहुत खास और बड़ा महत्व होता है। ऐसे में हिंदू धर्म के लोग नवरात्रि के दिम में या तो पूरे 9 दिन या 2 दिन के जोड़े में अपनी इच्छा और सेहत के मुताबिक व्रत रखते हैं। इस दौरान प्रेग्नेंट महिलाएं भी मां दुर्गा की पूजा करके नवरात्रि के व्रत रखती हैं। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाएं को अपनी सेहत के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत का भी बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। वैसे डॉक्टर की मानें तो प्रेग्नेंट महिलाओं को व्रत नहीं रखना चाहिए, लेकिन अगर फिर भी आप व्रत रखना चाहती है तो इन बातों का खास ख्याल रखें...
अगर तीन महीने से कम का गर्भ है तो
एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रेग्नेंट महिलाओं को किसी भी तरह के व्रत से परहेज करना चाहिए क्योंकि व्रत रखने से आपके शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता और आपको कमजोरी आ सकती है। इसका असर बच्चे की ग्रोथ पर भी पड़ सकता है। वहीं जिन महिलाओं का तीन महीने से कम का गर्भ है, उन्हें तो व्रत के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए क्योंकि पहली तिमाही के दौरान महिला को मितली, उल्टी जैसी परेशानियां होती हैं। ऐसे में कई बार उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। अगर वो ऐसे में व्रत रखें तो उनकी परेशानी और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
गर्भ तीन महीने से ज्यादा का है तो
अगर आपका गर्भ तीन महीने से ज्यादा समय का है तो आप नौ दिन व्रत रखने की बजाए पहले और आखिरी दिन व्रत रख सकती हैं या नौ दिनों तक माता का पूजन करके अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सकती हैं। इस व्रत को रखते समय भी आपको दिन भर में थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते पीते रहना है, ताकि शरीर में किसी भी तरह कमजोरी महसूस न हो।
इन बातों का रखें ध्यान
1.प्रेग्नेंट महिलाओं को नवरात्रि में निर्जला व्रत ना रखें। इससे शरीर में कमजोरी आ सकती हैं, साथ ही निर्चला व्रत की वजह से डिहाईड्रेशन की समस्या पैदा हो जाती है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
2.अगर नौ दिनों का उपवास रख रही हैं तो सबसे पहले तो सुबह काफी देर तक खाली पेट ना रहें। वो पूजा करने के बाद नारियल पानी और जूस जरूर पिएं।
3.व्रत के वक्त बहुत ज्यादा तला-भूना खाना ना खाएं, आप तली चीजों की जगह पौष्टिक खाने को महत्व दें।
4.फल, जूस, दूध और दही का सेवन करें।
5.चाय -कॉफी का भी प्रयोग ज्यादा ना करें।
6.पानी का पर्याप्त सेवन करें।
7.खाने-पीने के बीच में ज्यादा गैप ना दें।
8.मिठाई या चीनी से बनी चीजों का सेवन भी एक अनुपात में करें।
9.ज्यादा मेहनत करने वाले कामों से भी बचें क्योंकि उपवास होने से आपको थकान हो सकती है, जो कि शिुश के लिए अच्छा नहीं।
10.सेंधा नमक का प्रयोग जरूर करें क्योंकि नमक की कमी भी बच्चे को परेशान कर सकती हैं, नमक कम खाएं लेकिन जरूर खाएं।
11. कुट्टू के आटे की रोटियां, आलू, लौकी, टमाटर , मखाने की खीर, साबूदाना ये सब आपको ऊर्जा भी देंगे और स्वाद भी।