नारी डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 2025-26 के लिए आम बजट पेश करने वाली हैं। पिछले 10 वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में बजट लगातार बढ़ा है। 2024 में अब तक का सबसे अधिक 1.48 लाख करोड़ रुपये का बजट शिक्षा के लिए आवंटित किया गया था। आइए जानते हैं कि 2014 से 2024 तक शिक्षा क्षेत्र को बजट में क्या मिला और 2025 के बजट से क्या उम्मीदें हैं।
पिछले 10 वर्षों में शिक्षा क्षेत्र को क्या मिला?
2014 से अब तक शिक्षा क्षेत्र को लगातार अधिक बजट आवंटित किया गया है। 2024 में शिक्षा के लिए सबसे अधिक 1.48 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया। यह दर्शाता है कि सरकार शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है।
पिछले 10 वर्षों में शिक्षा बजट और प्रमुख घोषणाएं
वर्ष 2014: इस वर्ष शिक्षा क्षेत्र को 82,771.10 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। सरकार ने शिक्षक प्रशिक्षण, कौशल विकास और वर्चुअल कक्षाओं पर विशेष ध्यान दिया। यह पहली बार था जब डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बजट में प्रावधान किया गया।
वर्ष 2015: इस साल शिक्षा बजट में कुछ कमी आई और इसे 69,074 करोड़ रुपये किया गया। सरकार ने उच्च शिक्षा और नए सरकारी संस्थानों की स्थापना पर जोर दिया। इससे शैक्षिक ढांचे को मजबूत करने में मदद मिली।
वर्ष 2016: इस वर्ष शिक्षा बजट को बढ़ाकर 72,394 करोड़ रुपये कर दिया गया। भारत को एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा केंद्र बनाने के लक्ष्य के साथ उच्च शिक्षा के लिए विशेष योजनाएं लागू की गईं।
वर्ष 2017: इस साल शिक्षा बजट बढ़कर 81,868 करोड़ रुपये हो गया। सबसे बड़ी घोषणा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की स्थापना थी, जो अब प्रमुख परीक्षाओं जैसे JEE, NEET, UGC NET का आयोजन करती है।

वर्ष 2018: शिक्षा क्षेत्र को 83,010.29 करोड़ रुपये का बजट दिया गया। सरकार ने 'स्टडी इन इंडिया' कार्यक्रम शुरू किया, जिससे विदेशी छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा के लिए आकर्षित किया जा सके।
वर्ष 2019: इस वर्ष शिक्षा बजट को 94,853.64 करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया। सरकार ने खेल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू कीं, जिससे छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान दिया जा सके।
वर्ष 2020: शिक्षा क्षेत्र को 99,311.52 करोड़ रुपये मिले। कोविड-19 महामारी के कारण ऑनलाइन शिक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया और डिजिटल शिक्षा के लिए नए संसाधन विकसित किए गए।
वर्ष 2021: इस वर्ष शिक्षा बजट में गिरावट दर्ज की गई और इसे 93,224.31 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6% कम था।
वर्ष 2022: शिक्षा बजट फिर से बढ़कर 1,04,277.72 करोड़ रुपये हो गया। सरकार ने शिक्षक प्रशिक्षण, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) को विशेष रूप से वित्तीय सहायता दी।
वर्ष 2023: इस वर्ष शिक्षा बजट को बढ़ाकर 1,12,899.47 करोड़ रुपये किया गया। अनुसंधान केंद्रों, नर्सिंग कॉलेजों और उच्च शिक्षा के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया।
वर्ष 2024: इस साल शिक्षा के लिए अब तक का सबसे अधिक 1.48 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। सरकार ने शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास को प्राथमिकता देते हुए नई योजनाएं लागू कीं, जिससे देश के युवाओं को बेहतर अवसर मिल सकें।
बजट 2025 से क्या उम्मीदें हैं?
शिक्षा लोन को सस्ता बनाने की उम्मीद
छात्रों की सबसे बड़ी मांग है कि शिक्षा को अधिक सुलभ और किफायती बनाया जाए। सरकार "पीएम विद्यालक्ष्मी योजना" के तहत शिक्षा लोन को आसान बनाने के लिए नए प्रावधान कर सकती है। 2024 के बजट में 10 लाख रुपये तक के लोन पर वित्तीय सहायता देने की घोषणा हुई थी।

'वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) योजना
शोध और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) योजना की शुरुआत की थी। 2025 के बजट में इस योजना को और मजबूत किया जा सकता है ताकि अधिक छात्र और शोधकर्ता इसका लाभ उठा सकें।
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा
डिजिटलीकरण की बढ़ती जरूरत को देखते हुए सरकार ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल क्लासरूम के लिए अधिक बजट आवंटित कर सकती है। महामारी के बाद ऑनलाइन शिक्षा की लोकप्रियता बढ़ी है, और इसे और प्रभावी बनाने के लिए नई योजनाएँ आ सकती हैं।
उच्च शिक्षा के लिए नए संस्थान
सरकार नए विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थान खोलने के लिए बजट में विशेष प्रावधान कर सकती है। IITs, IIMs और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के विस्तार पर भी ध्यान दिया जा सकता है।
कौशल विकास और रोजगार पर फोकस
बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए सरकार कौशल विकास कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान दे सकती है। नए वोकेशनल कोर्स और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट आवंटित किया जा सकता है।
पिछले 10 वर्षों में शिक्षा के बजट में निरंतर वृद्धि हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है। 2025 के बजट में डिजिटल शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और शोध को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए जाने की उम्मीद है। विद्यार्थियों और शिक्षकों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस बार उनके लिए क्या नया लेकर आती है।