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छठ पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, छठी मां हो जाएंगी नाराज

  • Edited By palak,
  • Updated: 18 Nov, 2023 04:39 PM
छठ पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, छठी मां हो जाएंगी नाराज

हिंदू धर्म के पवित्र लोक पर्व छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है। इस पूजा में महिलाएं संतान के स्वास्थ्य, सफलता और लंबी आयु के लिए पूरे 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं। बीते दिन नहाय खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है। छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य देव की पूजा होती है। छठ पूजा का व्रत काफी मुश्किल होता है। ऐसे में इस व्रत में कुछ खास नियमों का ध्यान रखना जरुरी होता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि छठ पूजा में किन-किन नियमों का ध्यान रखना जरुरी है। आइए जानते हैं.....

साफ सफाई का रखें ध्यान 

छठ पूजा में साफ-सफाई का मुख्य तौर पर ध्यान रखना चाहिए। पूजा के समय प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली सारी चीजों की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए। पूजा में इस्तेमाल होने वाले अनाजों को घर पर धोकर, कूटकर और पीसकर बनाया जाता है। 

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नया चूल्हा करें इस्तेमाल 

छठ का प्रसाद बनाते समय चूल्हे का खास तौर पर ध्यान रखें। इन चारों दिन प्रसाद के लिए नए चूल्हे का ही प्रयोग करें। चूल्हा ऐसा इस्तेमाल करें जिसको रोज बनाया जा सके। 

नया स्टोव करें प्रयोग 

यदि आप छठ पूजा में गैस स्टोव इस्तेमाल करते हैं तो नया स्टोव ही प्रयोग करें। इसे हर साल केवल छठ के लिए ही इस्तेमाल करें। छठ पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले चूल्हे को दोबारा से इस्तेमाल न करें। 

ऐसे बर्तन न करें इस्तेमाल 

छठ पूजा के लिए कभी भी स्टील या फिर शीशे के बर्तन इस्तेमाल न करें। पूजा में बांस से बने सूप और टोकरी का इस्तेमाल ही करें। पूजा का सारा प्रसाद भी शुद्ध देसी घी में ही बनाएं। 

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झूठा न करें प्रसाद 

छठ पूजा के लिए बनाया गया प्रसाद बहुत ही पवित्र होता है। इसलिए बनाते समय भूलकर भी इसको झूठा न करें। प्रसाद बनाने से पहले कुछ भी न खाएं। प्रसाद बनाने वाली जगह को भी बिल्कुल साफ रखें। नहाकर साफ-सुथरे कपड़े पहन कर ही छठ पूजा का प्रसाद बनाएं।

जमीन पर ही सोएं 

छठ पूजा में व्रत रखने वाली महिलाओं को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। व्रत करने वाली महिलाओं को छठ महापर्व के दौरान जमीन पर चटाई बिछाकर सोना चाहिए। 

ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें 

छठ पूजा के समय अपने आप पर संयम रखें। इन चार दिनों में खुद को नेगेटिविटी से दूर रखें। किसी पर क्रोध न करें और न ही किसी के बारे में बुरा सोचें। इन 4 दिनों तक ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें। 

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