ओवरियन कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर के कई हिस्सों में फैल जाती है। वैसे महिलाओं को यह कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन 40 की उम्र के बाद महिलाओं में इसका खतरा बढ़ जाता है। ओवेरियन कैंसर अंडाशय से शुरू होकर प्रजनन ग्रंथियों तक फैलता है, जो कंसीव करने के लिए अंडों का उत्पादन करता है। फैलोपियन ट्यूब्स की मदद से ही अंडे यूट्रस तक जाते हैं। ऐसे में महिलाओं के मन में चिंता रहता है कि क्या ओवेरियन कैंसर से ठीक होने के बाद वह सुरक्षित तरीके से कंसीव कर सकती हैं या नहीं।
क्या कैंसर के बाद कंसीव कर सकती हैं महिलाएं?
एक्सपर्ट की मानें तो ओवेरियन कैंसर की ट्रीटमेंट पूरा करने और रिकवरी के बाद महिलाएं बिना किसी परेशानी कंसीव कर सकती हैं। इसके लिए आप अपनी डॉक्टर्स से सलाह लेकर एग प्रिजर्वेटिव करवा सकती हैं, ताकि ट्रीटमेंट के दौरान उसे दोबारा ट्रांसप्लांट किया जा सके।
अधिक उम्र में रहता है ज्यादा रिस्क
अगर कैंसर सिर्फ ओवरी तक ही फैलता है तो डॉक्टर्स सर्जरी द्वारा उसे बाहर निकाल देते हैं लेकिन ऐसा तभी किया जाता है जब महिला की उम्र अधिक हो। कम उम्र की महिलाओं की एक ओवरी में ही कैंसर है तो दूसरी ओवरी नहीं निकाली जाती क्योंकि एक ओवरी से भी महिलाएं कंसीव कर सकती हैं।
किन महिलाओं को अधिक खतरा
1. अनुवांशिक, बढ़ती उम्र, बच्चा न हो पाना, हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, एंडोमेट्रियोसिस का निदान, प्रजनन हिस्ट्री (reproductive history) और मोटापा से ग्रस्त महिलाओं को कैंसर का संभावना अधिक होती है।
2. इसके अलावा 40 साल की उम्र से पहले ब्रेस्ट कैंसर, इंफर्टिलिटी का लंबा ट्रीटमेंट भी इस बीमारी को जन्म देता है।
3. कम उम्र में पीरियड्स शुरू होना और मोनोपॉज देर से आना भी ओवेरियन कैंसर का कारण बन सकता है।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
. पेट, कमर, पेल्विक, शरीर के निचले हिस्से में तेज दर्द
. योनि में असामान्य स्त्राव
. कब्ज, अपच और बिना खाए पेट भरा-भरा लगना
. बार-बार यूरिन आना
. मल त्यागने में परेशानी
. अनियमित पीरियड्स
. कंसीव करने में परेशानी
ओवेरियन कैंसर का इलाज
महिला की कैंसर स्थिति के आधार पर डॉक्टर हार्मोन थेरैपी, कीमोथेरैपी, सर्जरी और दवाओं द्वारा इसका इलाज करते हैं।
ओवेरियन कैंसर का बचाव के लिए याद रखें से बातें...
. नियमित रूप से ब्लड और कैल्शियम की जांच करवाती रहें। साथ ही परिवार में ओवेरियन या किसी भी कैंसर की हिस्ट्री है तो नियमित जांच करवाएं।
. शराब, तंबाकू, चाय-कॉफी, फास्ट-फूड्स से जितना हो सके दूर रहें और डाइट में हरी सब्जियां, नट्स, फल, ब्रोकली जैसी हैल्दी चीजें लें।
. वजन को कंट्रोल में रखें और इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली फॉलो करें।
. नियमित रूप से एक्सरसाइज व योग को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं।
याद रखें ओवरी कैंसर का इलाज तभी संभव है, जब समय पर इसका पता चल जाए इसलिए रेगुलर चेकअप करवाती रहें।