22 DECSUNDAY2024 9:44:40 AM
Nari

बर्थडे पर केक काटना पाप है? जानिए इसे लेकर क्या कहता है हमारा धर्म

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 06 Nov, 2024 07:28 PM
बर्थडे पर केक काटना पाप है? जानिए इसे लेकर क्या कहता है हमारा धर्म

नारी डेस्क: सनातन धर्म में जन्मदिन मनाने की परंपरा तो है, लेकिन इसमें केक काटने का प्रचलन परंपरागत रूप से नहीं है। भारतीय संस्कृति में जन्मदिन पर पूजा-पाठ, हवन, आरती, माता-पिता और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना, और दान-पुण्य जैसे कार्य करने का महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं केक काटने और भारतीय जन्मदिन परंपराओं से जुड़ी कुछ विशेष बातें।

PunjabKesari

केक काटने की परंपरा

केक काटने की परंपरा मुख्य रूप से पश्चिमी देशों से आई है। इसमें मोमबत्तियां जलाना और उन्हें फूंक मारकर बुझाना शामिल है, जो सनातन परंपरा में नहीं है। भारतीय दृष्टिकोण से दीप जलाना शुभ माना गया है, जबकि उसे बुझाना या फूंक मारकर बुझाना अशुभ समझा जाता है। सनातन धर्म के अनुसार, आग को पवित्र और दिव्य ऊर्जा का स्रोत माना गया है और उसे सम्मानपूर्वक जलाए रखना चाहिए। इस कारण कई लोग मोमबत्तियां बुझाने से परहेज करते हैं।

 

भारतीय जन्मदिन परंपराएं

जन्मदिन पर व्यक्ति के ग्रहों और कुंडली के अनुसार विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया जाता है, जिससे व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसे अच्छा स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि मिलती है। जन्मदिन के अवसर पर जरुरतमंदों को दान देना, भोजन करवाना, कपड़े और जरूरत का सामान देना शुभ माना गया है।  भारतीय परंपराओं में माता-पिता का आशीर्वाद लेना और उनका पूजन करना विशेष महत्व रखता है। इस दिन बड़ों का आशीर्वाद व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति लाता है।

PunjabKesari

केक काटने के प्रति कुछ विचार

कई लोग मानते हैं कि केक काटना कोई अशुभ कार्य नहीं है, बल्कि यह एक नई पद्धति है, जो आजकल के सामाजिक मिलन और बच्चों के लिए खुशी का माध्यम बन गया है। हालांकि, कुछ लोग भारतीय परंपराओं से जुड़े रहने के लिए केक काटने की जगह प्रसाद वितरण और अन्य पारंपरिक तरीकों से जन्मदिन मनाने को महत्व देते हैं।

PunjabKesari

जन्मदिन पर क्या करना चाहिए?

 कई लोग जन्मदिन पर व्रत या उपवास रखते हैं, जिसे धार्मिक दृष्टि से लाभकारी माना गया है। भगवान का स्मरण और अपने इष्ट देवता की पूजा की जाती है। मंत्र जाप और ध्यान व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं। सनातन धर्म में केक काटना आवश्यक नहीं है, लेकिन यह किसी धर्म का उल्लंघन भी नहीं माना गया है। भारतीय परंपराओं में जन्मदिन पर पूजा-पाठ और दान-पुण्य का अधिक महत्व है। आप चाहें तो अपनी व्यक्तिगत आस्था के अनुसार आधुनिक और पारंपरिक तरीकों का संतुलन बना सकते हैं।

Related News