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महिलाओं को क्यों नहीं करनी चाहिए सूरज डूबने के बाद कंघी?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 26 Jan, 2021 02:16 PM
महिलाओं को क्यों नहीं करनी चाहिए सूरज डूबने के बाद कंघी?

21वीं सदी में पहुंचने के बाद भी भारतीय समाज में कई जगहों पर अंधविश्वास अपने पैर जमाए हुए है। आधुनिकीकरण के बाद भी लोगों के मन से अंधविश्वास जाने का नाम नहीं ले रहा। अब उद्धाहरण के लिए बालों को ही ले लीजिए। आज भी बड़े-बुजुर्ग महिलाओं को रात के समय बालों में कंघी करने नहीं देते। हालांकि शास्त्रों में भी महिलाओं का बालों को खोलकर रखना अच्छा नहीं माना जाता। खासकर रात के समय महिलाओं को बाल बांधकर की सलाह दी जाती है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि शास्त्रों में महिलाओं का बाल खोलना क्यों वर्जित है।

बाल खोलकर रखना क्यों माना जाता है अशुभ?

दरअसल, शास्त्रों के अनुसार खुले बाल शोक की निशानी मानी जाती है इसलिए महिलाओं को बाल बांधकर रखने की सलाह दी जाती है। वहीं, मंदिर में बाल खोलकर जाना भी अशुभ माना जाता है।

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शाम के समय क्यों नहीं करना चाहिए बालों में कंघी?

शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद महिलाओं को बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है शाम के समय बाल खुले रखने या कंघी करने से बुरी आत्माएं उन्हें अपना शिकार बना सकती हैं।

बाल खुले छोड़कर सोना भी वर्जित

कहा जाता है कि बाल खुले छोड़कर सोने से परिवार में हमेशा कलेश रहता है और सुख-समृद्धि भी नहीं आती। ऐसे में रात को सोते समय बालों में चोटी बना लें।

टूटे हुए बालों को ध्यान से फेंके

बालों में कंघी करने के बाद अपने टूटे हुए बालों को यहां-वहां नहीं फेंकना चाहिए। इसे इकट्ठा करके डस्बिन में ही फेंके। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी गलत इंसान के हाथ बाल लग जाए तो वह इससे जादू-टोना कर सकता है।

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बालों में कंघी समय उसका गिरना अशुभ संकेत

माना जाता है कि बाल झाड़ते समय अगर कंघी गिए जाए तो वो अशुभ होता है। इससे घर में कोई बुरी खबर आ सकती है।

पूर्णिमा पर बालों में कंघी

कहा जाता है कि पूर्णिमा यानी पूरे चांद की रात में बालों में कंघी नहीं करना चाहिए। अगर खिड़की पर खड़े होकर कंघी की जाए तो बुरी आत्माएं आपकी ओर आकर्षित होती हैं।

मासिक धर्म में बाल धोना

शास्त्रों के मुताबिक मासिक धर्म में महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए। हालांकि इसका कारण सेहत से भी जुड़ा है। दरअसल, इस दौरान बाल धोने से बॉडी का टेम्प्रेचर ठंडा हो जाता है जबकि पीरियड्स में शरीर को गर्म रखने की जरूरत होती है।

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