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ब्रेस्ट में रैशेज और खुजली कहीं Yeast Infection तो नहीं? महिलाएं हो जाएं अलर्ट

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 23 Nov, 2021 01:40 PM
ब्रेस्ट में रैशेज और खुजली कहीं Yeast Infection तो नहीं? महिलाएं हो जाएं अलर्ट

अक्सर महिलाएं ब्रेस्ट में होने वाली रैशज व खुजली की समस्या को मामूली समझ लेती हैं लेकिन हल्के में लेना हानिकारक हो सकता है। ब्रेस्ट के नीचले हिस्से में होने वाली खुजली, जलन व रैशज यीस्ट इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। कई बार इसकी वजह से तेज दर्द भी होता है। अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह खतरनाक रूप ले सकता है।

क्या है ब्रेस्ट यीस्ट इंफेक्शन?

कैंडिडा एक तरह का यीस्ट होता है जो स्किन के बाहर और अंदर दोनों तरफ मौजूद होता है। ये वैजाइना के अलावा पेट, मुंह और त्वचा के अन्य हिस्सों को भी संक्रमित कर सकता है और इंफेक्शन दे सकता है। यह इंफेक्शन ज्यादा शरीर के उन हिस्सों में होता है जहां नमी अधिक हो।

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ब्रेस्ट में यीस्ट इंफेक्शन होने का कारण

ब्रेस्ट के निचले हिस्से में नमी अधिक रहती है जिससे यह इंफेक्शन पनप सकता है। नमी में यीस्ट अपनी संख्या तेजी से बढ़ा लेते हैं जिससे रैशेज के साथ खुजली जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। ब्रेस्ट के नीचे इंफेक्शन बिलकुल वहां होता है जहां ब्रेस्ट की स्किन पेट से मिल रही हो। यह रैश लाल रंग का होता है, जो छाले की तरह दिखते हैं।

क्या है यीस्ट इंफेक्शन का कारण?
कसे हुए कपड़े

ज्यादा टाइट कपड़े पहनने से स्किन में रगड़ पैदा हो रही हो तो यीस्ट इंफेक्शन होने के चांसेज बढ़ सकते हैं। वहीं संक्रमण से बचने के लिए अंडर गारमेंट के फैब्रिक का भी ध्यान रखें।

ब्रेस्ट में नमी रहना

ब्रेस्ट में नमी के कारण निचला हिस्सा गीला रहता है तो यीस्ट पनप सकता है। अगर आपको उस एरिया में अधिक पसीना आता है तो ज्यादा टाइट कपड़े ना पहनें। साथ ही कॉटन के कपड़े पहने , ताकि वो एरिया ड्राई रहे।

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डायबिटीज भी है कारण

डायबिटीज मरीजों में इंसुलिन नहीं बना पाता, जिससे ब्लड शुगर कम या ज्यादा हो सकती है। वहीं, डायबिटीज मरीजों में इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारम भी यीस्ट इंफेक्शन होने का रिस्क भी बढ़ जाता है।

किन्हें होता है अधिक खतरा?

-गर्भवती, हार्मोनल गर्भ निरोधकों लेने वाली, कमजोर इम्यून‍िटी और एंटीबायोटिक लेने वाली महिलाओं में इसका संभावना अधिक होती है। इसके अलावा प्री-मेनोपॉज में हॉट फ्लैशेज के कारण भी इसका खतरा अधिक रहता है।
-इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली औरतों को भी इसका अधिक खतरा होता है। दरअसल, इससे ब्रेस्ट के टिश्यू का pH संतुलन बदल सकता है और ब्रेस्ट फीडिंग के कारण उस हिस्से में नमी भी बनी रहती है, जिससे यीस्ट बढ़ता है।

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ब्रेस्ट के नीचे रैशेज से बचाव के उपाय

1. नहाने के बाद ब्रेस्ट को अच्छी तरह सुखाएं और अच्छी क्वालिटी का मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं।
2. इंफेक्शन होने पर डॉक्टर की सलाह से एंटी फंगल दवाएं जरूर लें।
3. ब्रेस्ट के निचले हिस्से को हमेशा साफ और ड्राई करें।
4. हमेशा कॉटन की ब्रा पहनें, ताकि पसीना अधिक ना आए।
5. यीस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए हाई शुगर और प्रोसेस्ड फूड को न कहने की आदत डालें।
6. ढीले-ढाले और कॉटन के अंडरगारमेंट्स पहनें
7. गीले स्व‍िम सूट या गीले कपड़ों में ज्यादा देर न रहें।
8. हैवी वर्कआउटकरने से बचें।
9. ब्रेस्ट एरिया में ड‍ियो, स्प्रे और खुशबूदार लोशन आदि लगाने से बचें।

ब्रेस्ट यीस्ट इंफेक्शन का इलाज

. नहाने के बाद ब्रेस्ट एरिया को अच्छी तरह सुखाकर एंटी-बैक्टीर‍ियल नारियल तेल लगाएं।
. लहसुन यीस्ट इंफेक्शन के इलाज में कारगर हैं इसलिए इसका अधिक सेवन करें।
. योगर्ट में प्रोबायोटिक होता है, जो यीस्ट को कम करने में मददगार है।
. विटामिन-सी इम्यून‍िटी बूस्टर है जो शरीर की क्षमता को बढ़ाकर यीस्ट इंफेक्शन को खत्म करता है।

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