हिंदू धर्म में एकादशी की तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इसका व्रत बहुत ही शुभ और फल देने वाला होता है। साल में कुल 24 एकादशी आती हैं। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक-एक एकादशी तिथि पड़ती है परंतु इस साल अधिक मास पड़ने के कारण 2 एकादशी की तिथि बढ़ गई है। अधिक मास में पड़ने वाली एकादशी का बहुत ही महत्व बताया गया है क्योंकि यह तीन साल में एक बार आती हैं। वहीं श्रावण महीने में आने वाली एकादशी को परमा एकादशी कहते हैं। परमा एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु शुभ फल देते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कब मनाया जाएगा परमा एकादशी का व्रत...
इस दिन रखा जाएगा व्रत
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 11 अगस्त सुबह 05:06 पर शुरु होगी और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 06:31 मिनट पर खत्म होगी। वहीं उदया तिथि की मानें तो परमा एकादशी का व्रत 12 अगस्त को रखा जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
परमा एकादशी 12 अगस्त को मनाई जाएगी और इसी दिन इसका व्रत रखा जाएगा। व्रत के पारण का समय 13 अगस्त सुबह 05:49 से लेकर 08:19 तक रहेगा।
परमा एकादशी का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब इस व्रत को कुबेर भगवान ने किया था जो भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें धनाध्यक्ष बना दिया था। इसके अलावा यह व्रत करने से सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र को पुत्र, स्त्री और राज्य मिला था। माना जाता है कि इस व्रत के दौरान पांच दिन तक सोना, विद्या, अन्न, भूमि और गौ दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और पैसे की कोई कमी नहीं रहती।
ऐसे करें पूजा
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु का पंचोपचार विधि के साथ पूजन करें। व्रत रखकर विष्णु पुराण का पाठ करें। रात में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें। इस दिन दान-दक्षिणा जरुर दें। अगले दिन सुबह भगवान की पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें।