कैंसर का नाम सुनते ही दिल और दिमाग में ऐसा डर पैदा हो जाता है, जिससे बाहर निकल पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। क्योंकि इस खौफनाक बीमारी इंसान को धीर- धीरे मौत की ओर ले जाती है। लेकिन जरूरी नहीं है कि कैंसर का अंत दुखद ही हो अगर जानकारी और सही उपचार हो तो इसे पूरी तरह कंट्रोल भी किया जा सकता है। कैंसर का यदि समय रहते इसके पूरे शरीर में फैलने से पहले पता चल जाए तो यह जान बचाने वाला हो सकता है। यही कारण है कि डॉक्टर विभिन्न प्रकार के तरीकों का उपयोग करके कई सामान्य प्रकार के कैंसर के लिए नियमित जांच की सलाह देते हैं।
गेम चेंजर है ये टेस्ट
उदाहरण के लिए कोलन कैंसर के लिए कॉलोनोस्कोपी जांच, जबकि स्तन कैंसर के लिए मैमोग्राम जांच। महत्वपूर्ण होते हुए भी, इन सभी परीक्षणों को करवाना रोगियों के लिए तार्किक रूप से चुनौतीपूर्ण, महंगा और कभी-कभी असुविधाजनक हो सकता है। लेकिन क्या होगा अगर एक ही रक्त परीक्षण सबसे आम प्रकार के कैंसर के लिए एक ही बार में जांच कर सके? दरअसल मेडिकल साइंस में एक ऐसा ब्लड टेस्ट का उपयोग किया जा रहा है, जो कई तरह के कैंसरों को डिटेक्ट कर सकता है. एक ही बार में!
पहले जान लें कितने प्रकार का होता है कैंसर?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कैंसर 200 से भी अधिक प्रकार का हो सकता है और इनके लक्षण भी विभिन्न होते हैं। जानते हैं कि सबसे अधिक फैलनेवाले कैंसर के कौन-से प्रकार हैं।
ब्लड कैंसर
इस कैंसर में व्यक्ति के शरीर की रक्त कोशिकाओं में कैंसर पैदा होने लगता हैऔर इसी के चलते शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और कैंसर बहुत तेजी से शरीर में संक्रमित होना शुरू हो जाता है।
स्किन कैंसर
यह हर आयुवर्ग के इंसान को अपनी चपेट में लेता है। यह कैंसर लंबे समय तक बहुत अधिक तेज धूप में रहने, सही डायट ना लेने और फीजिकल ऐक्टिविटी ना करने जैसे स्थितियों में पनपता है।
फेफड़ों का कैंसर
सांस लेने में परेशानी, बलगम जमने की दिक्कत, हड्डियों-जोड़ों में बेहिसाब दर्द और भूख ना लगना इसके प्रमुख लक्षण हैं ।फेफड़ों के कैंसर के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह धुम्रपान है।
ब्रेन कैंसर
ब्रेन कैंसर का दूसरा नाम ब्रेन ट्यूमर भी है । इस कैंसर वाले रोगी के दिमाग वाले भाग में एक ट्यूमर यानि गांठ बन जाती है और यह गांठ समय के साथ-साथ बड़ी होने लगती है और धीरे-धीरे पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है ।
गले का कैंसर
गले का कैंसर उन कैंसर में से एक हैं जो मरीज को सीधा मौत के मुंह तक लेकर जाते हैं। आवाज में बदलाव होना, भोजन निगलने में परेशानी होना, मुंह में सूजन और मुंह से खून आना इसके लक्षण होते हैं।
स्तन कैंसर
स्तन कैंसर ज्यादातर महिलाओं को अपना शिकार बनाता है। अपने स्तन की नियमित जांच करवाते रहने से इसका जल्दी उपचार किया जा सकता है।इस कैंसर से ग्रसित औरतों के स्तन में एक प्रकार की गांठ बननी शुरु हो जाती है, जो धीरे-धीरे समयानुसार बढ़ने लगती है ।
ऐसे काम करता है ये टेस्ट
इस वर्ष, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कैंसर मूनशॉट के लिए प्राथमिकता के रूप में एमसीईडी परीक्षणों को विकसित करने की पहचान की, जो कैंसर मृत्यु दर को कम करने और कैंसर से बचे लोगों और कैंसर से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर का संघीय प्रयास है। एमसीईडी परीक्षण कैसे काम करता है शरीर की सभी कोशिकाएं, ट्यूमर कोशिकाओं सहित, मरने पर डीएनए को रक्तप्रवाह में बहा देती हैं। एमसीईडी परीक्षण रक्त प्रवाह में ट्यूमर डीएनए की बहाई गई मात्रा की तलाश करते हैं। इस परिसंचारी ‘‘सेल-फ्री'' डीएनए में इस बात की जानकारी होती है कि यह किस प्रकार के ऊतक से आया है और क्या यह सामान्य है या कैंसरयुक्त है।
DNA को डिटेक्ट कर बीमारी का पता चलता है
डॉक्टर इन रक्त परीक्षणों का उपयोग ट्यूमर डीएनए में उत्परिवर्तन देखने के लिए करते हैं जो उपचार को निर्देशित करने में मदद करते हैं। चूंकि काफी समय से कैंसर से पीड़ित रोगियों के रक्त में बड़ी मात्रा में ट्यूमर डीएनए प्रसारित होता है, इसलिए इन अनुवांशिक परिवर्तनों की उपस्थिति का पता लगाना अपेक्षाकृत आसान होता है। इस टेस्ट का काम उन बायोलॉजिकल सिग्नल्स या संकेतों को ढूंढना है जो हिंट दें कि शरीर में कैंसर मौजूद है। ये ब्लड-स्ट्रीम में मौजूद कैंसर सेल्स द्वारा छोड़े हुए DNA को डिटेक्ट कर बीमारी का पता लगाता है। खून के परीक्षण से ये अनुमान भी लगाया जा सकता है कि शरीर में संभावित खतरा कहां पर है, ताकि, डॉक्टर ये तय कर सकें कि कौन से फॉलो-अप टेस्ट्स किए जाने चाहिए- जैसे इमेजिंग, एंडोस्कोपी या बायोप्सी वगैरह।
एमसीईडी परीक्षणों का उपयोग कैसे किया जाना चाहिए?
2021 में, बायोटेक कंपनी जीआरएआईएल ने अमेरिका में पहला व्यावसायिक रूप से उपलब्ध एमसीईडी परीक्षण लॉन्च किया, इसका गैलेरी परीक्षण 50 से अधिक विभिन्न प्रकार के कैंसर का पता लगाने का दावा करता है। क्लिनिक में एमसीईडी परीक्षणों को कैसे लागू किया जाना चाहिए, यह पता लगाने में कई साल लगेंगे। शोधकर्ता और चिकित्सक अभी इस सवाल का समाधान करना शुरू कर रहे हैं कि किसका परीक्षण किया जाना चाहिए, किस उम्र में, और कैसे पिछले चिकित्सा और पारिवारिक इतिहास को ध्यान में रखा जाना चाहिए। डॉक्टर कैसे सकारात्मक एमसीईडी परिणामों का मूल्यांकन करेंगे, इसके लिए दिशानिर्देश निर्धारित करना उतना ही महत्वपूर्ण है। एमसीईडी परीक्षण जल्द ही चिकित्सकों के कैंसर जांच के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। सवाल यह है कि क्या स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली उनके लिए तैयार है।
कैंसर के लक्षण
1.) सीने में दर्द, सर दर्द, फेफड़ों में दर्द या फिर पेट दर्द। किसी भी तरह के दर्द को नजरअंदाज न करें।
2.) लम्बे समय से शरीर के किसी भी अंग में गॉंठ या सूजन।
3.) आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत होना।
4.) मस्सों व तिल का अचानक तेजी से बढना और रंग में परिवर्तन।
5.) बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी।
6.) खांसी के साथ साथ खून आना और पेशाब के साथ खून आना।
7.) बिना कारण थकान बनी रहना भी एक समस्या है।