अंबानी परिवार की गहरी आध्यात्मिकता उनकी पहचान का आधार रही है, जो हाल ही में अनंत और राधिका अंबानी की शादी के दौरान उजागर हुई। अपने बच्चों के शुभ विवाह समारोह की शुरुआत से ठीक पहले, मुकेश अंबानी ने मंच पर आकर सभी मेहमानों का बहुत विनम्रता से स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने पारंपरिक हिंदू विवाह के महत्व के बारे में बात की।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने सबसे पहले अपनी जीवन साथी नीता अंबानी को समृद्ध भारतीय संस्कृति और पारंपरिक हिंदू विवाह के भव्य, विसर्जित अनुभव को व्यवस्थित करने का श्रेय दिया।अरबपति उद्योगपति ने कहा- "जब विवाह सनातन विधि (सनातन परंपराओं) के अनुसार किया जाता है, तो यह दिव्य मिलन की दिव्यता प्राप्त करता है। जिस तरह लक्ष्मी भगवान विष्णु के हृदय में निवास करती हैं, उसी तरह अनंत हमेशा राधिका को अपने हृदय में रखेंगे। इससे उनका वैवाहिक जीवन सुंदर, आनंदमय, सहज और सुसंस्कृत बनेगा।"
मुकेश अंबानी ने पारंपरिक हिंदू विवाह को किसी व्यक्ति के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण 'संस्कार' या मूल्य के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने बताया कि यह विवाह व्यक्ति को समाज, कर्तव्य और आध्यात्मिकता से जोड़ता है। राधिका और अनंत अंबानी की यह शादी निश्चित रूप से प्रेम और संस्कृति का एक ऐसा सुंदर उत्सव बनकर सामने आया, जिसने सबके दिल में अमिट छाप छोड़ी है।
इससे पहले नीता अंबानी ने भी सात फेरों का महत्व बताया था, इसके साथ ही उन्होंने वादा किया था कि वह अपनी बेटी की तरह की राधिका को प्यार देंगे। अनंत और राधिका ने 12 जुलाई को मुंबई में एक भव्य विवाह समारोह में विवाह किया, जिसमें कई बॉलीवुड और हॉलीवुड हस्तियां, उद्योगपति, खिलाड़ी, अंतर्राष्ट्रीय नेता और भारतीय राजनेता शामिल हुए।