पहले के मुकाबले अब की जनरेशन ज्यादा गुस्से वाली और हिंसक प्रिय है। ऐसे में मन में अकसर यही सवाल उठता है कि इन बच्चों के इस तरह की व्यवहार की वजह क्या है, इसका जवाब है मां- बाप खुद। जी हां बच्चों को बिगाड़ने में सबसे बड़ा हाथ आज कल के मां- बाप का ही है जो कूल दिखने के चक्कर में बच्चों के आगे गलत मैसेज पेश कर रहे हैं।
पॉप संस्कृति ने बदल दिया सब कुछ
अगर सोशल मीडिया या बाकी चीजों पर गौर करें तो पाएंगे कि इन दिनों बच्चों के बर्थडे केक पर बंदूकें, गोलियों और तमाम हिंसक कार्टून चरित्रों की तस्वीरें बनाई जाती है।इसका एक प्रमुख कारण है आजकल की पॉप संस्कृति और मीडिया में हिंसक तत्वों की अधिकता । टीवी शो, वीडियो गेम्स, और फिल्में बच्चों को हिंसा की ओर आकर्षित करती हैं, जिससे उनके मन में हिंसक छवियों का प्रभाव बढ़ता है। इस तरह के केक थीम्स बच्चों को जन्मदिन के अवसर पर आकर्षित करते हैं, लेकिन इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
जन्मदिन में बंदूक, गोलियों का क्या काम?
सोचने वाली बात तो यह है कि जन्मदिन तो खुशी का मौका होता है, उसमें बंदूक, गोलियों या तोपों का क्या काम? वैसे तो बचपन में कई बच्चे , बंदूक, गोली चलाते टैंक, बंदूक के आकार की पिचकारी आदि से खूब खेलते हैं। बंदूकों को लेकर तो कई बहुत सारे ऑनलाइन भी हैं पर इन चीजों का खाने-पीने की वस्तुओं में दिखना बेहद चिंता का विषय है। बच्चों के बर्थडे केक पर हिंसक छवियों का निर्माण एक गंभीर मुद्दा है जो उनके मानसिक और सामाजिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
माता- पिता को समझने की जरूरत
इन सब चीजों को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि माता- पिता खुद हिंदा को बढ़ावा दे रहे हैं। इन चीजों पर लगाम लगाना बेहद आवश्यक है नहीं ताे आगे चलकर बेहद बुरे परिणाम देखने को मिलेंगे। माता-पिता को सोचना चाहिए कि अगर बच्चा अभी से अपने आस-पास सिर्फ मार काट की चीजें देखेगा तो कभी ना कभी वह उसका प्रयोग भी करना चाहेगा। इसलिए, बच्चों के लिए हिंसक थीम्स से बचना और सकारात्मक और शिक्षाप्रद विकल्पों का चयन करना महत्वपूर्ण है।
बच्चों में दिखते हैं ये बुरे परिणाम
- बच्चों के दिमाग में हिंसा का सामान्यीकरण हो सकता है। जब वे हिंसक छवियों को अपने बर्थडे केक जैसे खुशी के अवसरों से जोड़ते हैं, तो वे हिंसा को सामान्य और स्वीकार्य मानने लगते हैं।
- ऐसी छवियों के लगातार संपर्क में रहने से बच्चों में आक्रामकता बढ़ सकती है। वे हिंसा को समस्या समाधान के एक साधन के रूप में देख सकते हैं।
- हिंसक छवियों का बच्चों के मनोविज्ञान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे उनके मानसिक विकास में बाधा आ सकती है और वे अधिक असुरक्षित या भयभीत महसूस कर सकते हैं।
- बच्चे जो देखते हैं, वे उसकी नकल करने की प्रवृत्ति रखते हैं। हिंसक केक डिजाइन से प्रेरित होकर वे हिंसक खेल या गतिविधियों में रुचि ले सकते हैं।
- ऐसी छवियों के प्रचार-प्रसार से बच्चों के सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वे हिंसा को सही मान सकते हैं और उसके प्रति संवेदनशीलता खो सकते हैं।
रोकथाम के उपाय
बच्चों से हिंसा के बुरे परिणामों के बारे में बात करें और उन्हें इसके प्रति जागरूक करें। संवाद के माध्यम से उन्हें समझाएं कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। बच्चों के केक और पार्टियों के लिए सकारात्मक और प्रेरणादायक थीम्स का चयन करें, जैसे कि कार्टून पात्र, सुपरहीरो, पशु, प्राकृतिक दृश्य, आदि। बच्चों द्वारा देखे जाने वाले टीवी शो, फिल्में, और वीडियो गेम्स की मॉनिटरिंग करें। सुनिश्चित करें कि वे ऐसे कंटेंट देख रहे हैं जो उनके मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए स्वस्थ हैं। बच्चों के लिए अच्छे रोल मॉडल प्रस्तुत करें, जो हिंसा के बजाय शांति और सहयोग को बढ़ावा देते हैं।