आज पूरे देश में 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस की धूम है। आज भारत देश अपने संविधान के जारी होने का 72 वां जश्न मना रहा है। मगर कोरोना वायरस के कारण इस बार के कार्यक्रमों में पहले जैसा उत्साह नहीं होगा। असल में, कोविड से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए इस खास दिवस को मनाया जाएगा। ऐसे में 2021 का रिपब्लिक डे कुछ अलग ही होगा। तो चलिए जानते हैं कि इस बार के गणतंत्र दिवस के खास होने की वजह...
इस बार की परेड भी कुछ अलग होगी। जहां पर इस परेड में अलग-अलग झांकियां नजर आती थी। मगर इस बार किसान ट्रैक्टर रैली भी होगी। इस बात परेड के बाद दिल्ली पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अपनी ओर से ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।
इस बार कोविड के कारण परेड का रूट कम होगा। हर साल गणतंत्र दिवस परेड राजपथ से लाल किले तक होती थी। मगर इस बार यह परेड विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक होगी। ऐसे में इस बार इसकी लंबाई 8 किलोमीटर की जगह सिर्फ 3, 1/2 किलोमीटर के करीब रहेगी।
बात परेड के शुरू होने की करें तो यह बांग्लादेशी सेना के करीब 122 सदस्यीय कॉन्टिंजेंट के साथ कर्नल मोहतसिम हैदर चौधरी के नेतृत्व से शुरु की जाएगी। इसमें पहली 6 लाइनें थल सेना, बाकी की 4-4 लाइनें नेवी और वायु सेना के जवानों की होगी।
थल सेना परेड में रशियन T-90 बैटल टैंक, T-72 ब्रिज लेयर टैंक, BMP-2 और पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर के साथ ब्रह्मोस के कई अलग वेरियंट के भी साथ उतरेगी। भारत का नया फाइटर जेट राफेल भी उड़ान भरेगा साथ ही वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन में फ्लाई पास्ट करेगा। इसके अलावा सुखोई और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान भी अपनी कला का प्रदर्शन दिखाएंगे।
सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए आर्मी, नेवी व वायुसेना के मार्चिंग दल की कम संख्या में परेड होगी। आर्मी और नेवी के जवानों की संख्या 144 से घटाकर 96 कर दी। सात ही अब वायु सेना के भी 94 जवान इस परेड में हिस्सा लेते नजर आएंगे। आर्मी के करीब 6 छह मगर नेवी और एयरफोर्स के 1-1 बैंड और मार्चिंग दल शामिल होंगे। परेड में सेना और अर्द्धसैनिक बलों के कुल 18 दस्ते होंगे। साथ ही भूतपूर्व सैनिकों का दस्ता इस बार परेड में शामिल देखने को नहींं मिलेगा।
जहां पहले परेड में खासतौर पर मुख्य अतिथि को बुलाया जाता था। मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा। असल में, पहले मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बुलाने का तय किया गया था। मगर यूके में कोरोना का नया स्ट्रेन मिलने के कारण यात्रा रद्द कर दी गई है।
इस बार परेड में देश में इतिहास रचने के लिए पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत फ्लाई पास्ट में भाग ले रही है। आपको बता दें, इसमें करीब 38 एयरफोर्स और 4 आर्मी के एयरक्राफ्ट भाग लेंगे। वायु सेना के फ्लाई पास्ट हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर एलसीएच, हल्के लड़ाकू विमान एलसीए और सुखोई -30 लड़ाकू विमानों का एक मॉक-अप प्रदर्शन दिखाया जाएगा।
कोरोना के कहर से सुरक्षित रहने के लिए आर्मी के जवानों को बायो बबल्स में रखा गया है। साथ ही उस जगह पर किसी अन्य को वहां जाने की परमिशन नहीं है। साथ ही जहां पर पहले परेड में करीब 1.15 लाख लोग होते थे, वहीं इस बार लगभग 25,000 लोग होंगे। स्कूल के बच्चों की संख्या पिछले साल जहां 600 थी, वहीं अब कम होकर सिर्फ 160 हो गई। साथ ही खासतौर पर 15 साल से कम बच्चों को इसमें हिस्सा नहीं लेने को मिलेगा। साथ नियमों का पालना करते हुए हर किसी को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना अनिवार्य है।
इस बार परेड में शामिल होने वाली झांकियों में उत्तर प्रदेश के अयोध्या बन रहे राम मंदिर के मॉडल भी होगा। इसके साथ ही देश का नया केंद्रशासित प्रदेश- लद्दाख भी अपनी झांकी प्रस्तुत करेगा। इसमें थिकसे मॉनेस्ट्री और प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को खास तौर पर पेश कियाजाएगा। इसके अलावा सिख धर्म के नौवें गुरुश्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान की झांकी को भी दिखाया जाएगा।