बच्चों के बेहतर विकास की चिंता हर पेरेंट्स को होती है। उनकी डाइट में सभी पोषक तत्वों के साथ प्रोटीन भी सही मात्रा में होना चाहिए। नहीं तो बच्चे में कमजोरी आने के साथ शारीरिक व मानसिक विकास होने में बांधा हो सकती है। तो चलिए आज हम आपको प्रोटीन से भरपूर चीजों के बारे में बताते हैं। मगर उससे पहले जान लें उम्र के हिसाब से बच्चों के लिए प्रोटीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए...
7-12 महीना- 11 ग्राम प्रोटीन
1-3 साल- 13 ग्राम प्रोटीन
4-8 साल- 19 ग्राम प्रोटीन
9-13 साल- 34 ग्राम प्रोटीन
14-18 साल के लड़कों को 52 ग्राम और लड़कियों को 46 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
प्रोटीन की कमी के लक्षण...
- मांसपेशियों व हड्डियों कमजोर होने लगती है।
- थकान व सुस्ती रहती है।
- बच्चे की ग्रोथ सही से नहीं होती है।
- बाल व नाखून कमजोर होने लगते हैं।
तो चलिए अब जानते हैं प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए किन चीजों का सेवन करना चाहिए...
डेयरी प्रोडक्ट्स
दूध, दही, पनीर आदि का सेवन करने से कैल्शियम के साथ प्रोटीन भी उचित मात्रा में मिलता है। आमतौर पर बच्चे दूध पीना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में आप उन्हें मिल्क शेक, पनीर से सैंडविच आदि चीजों के बना कर दे सकते हैं।
अंडा
रोजाना 1 अंडा खाने से प्रोटीन की कमी पूरी होती है। इसका सेवन करने से मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आने के साथ बेहतर तरीके से विकास होने में मदद मिलती है।
ड्राई फ्रूट्स
सूखे मेवों में विटामिन, कैल्शियम, आयरन, एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होने के साथ अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है। इसका सेवन करे से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ मौसमी बीमारियों से बचाव रहता है। आप इसे बच्चों को भिगोकर, भून कर या शेक, स्मूदी, केक आदि चीजों में मिलाकर खिला सकती है।
चिया सीड्स
चिया सीड्स में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन, कैल्शियम, आयरन, ओमेगा 3 फैटी एसिड आदि तत्व होते हैं। ऐसे में शरीर को सभी उचित तत्व मिलने से बीमारियों से बचाव रहता है। इसका दूध के साथ या केक में अंडे की जगह मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
टोफू
टोफू का सेवन करने से प्रोटीन की कमी पूरी होती है। सोयाबीन के दूध से तैयार यह पनीर खाने में टेस्टी होने से बच्चे इसे मज़े से खाना पसंद करते हैं। इसके सेवन से मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आने के साथ दिमाग का बेहतर तरीके से विकास होने में मदद मिलती है।
हरी सब्जियां
पालक, साग, मेथी, बीन्स, लौकी आदि हरी सब्जियों में सभी जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं। साथ ही अधिक मात्रा में प्रोटीन होने से इसकी कमी पूरी होती है। ऐसे में बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास बेहतर तरीके से होता है। अक्सर बच्चे सब्जी खाने में आनाकानी करते हैं। ऐसे में आप उन्हें इसका सूप, परांठा या सैंडविच बना कर खिला सकती है।