एक रहस्यमयी प्रकार की हेपेटाइटिस बीमारी ने दुनिया भर में पैर पसारने शुरु कर दिए हैं। 21 देशों में फैल चुकी इस बीमारी के अब तक 450 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 12 बच्चों की जान चली गई है। हेपेटाइटिस एक महीने से 16 साल तक के बच्चों को अपना शिकार बना रही है, जिसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है। WHO भी मौजूदा हालात की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
21 देशों में फैल चुकी है ये बीमारी
अप्रैल की शुरुआत में गंभीर हेपेटाइटिस का पता लगाया है। अब तक 21 देशों में यह फैल चुकी है। इस बीमारी से अमेरिका और इंडोनेशिया में पांच-पांच जबकि आयरलैंड और फलस्तीन में एक-एक मौत हुई है। बच्चों के साथ- साथ कुछ यवा भी इस बीमारी की चपेट में आए हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार कम से कम 20 बच्चे कोविड और एडेनोवायरस दोनों से संक्रमित मिले हैं, जिसकी वजह से बच्चों के लिवर में सूजन जैसी गंभीर समस्या आ रही है। हालांकि अभी इस बारे में और अधिक शोध और पुख्ता जानकारी की दरकार है।
हेपेटाइटिस क्या है?
हेपेटाइटिस मूल रूप से लीवर से जुड़ी बीमारी है, जो वायरल इन्फेक्शन के कारण होती है। इस बीमारी में लीवर में सूजन आ जाती है। हेपाटाइटिस में 5 प्रकार के वायरस होते हैं, जैसे- ए,बी,सी,डी और ई। इन पांचों वायरसेस को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि इनके कारण ही हेपेटाइटिस महामारी जैसी बनती जा रही है। हालांकि, हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित 90% से अधिक लोगों को पता नहीं है कि वे संक्रमित हैं क्योंकि लक्षण रोग के बहुत बाद के चरण में दिखाई देते हैं।
इन देशों में फैल रही ये बीमारी
WHO के मुताबिक ब्रिटेन, अमेरिका, स्पेन, इजराइल, डेनमार्क, आयरलैंड, नीदरलैंड, इटली, नॉर्वे, फ्रांस, रोमानिया और बेल्जियम में इस रहस्यमयी हेपेटाइटिस के मामले सामने आए हैं। बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस के जिस प्रकोप को देखा जा रहा है, उसे एडेनोवायरस का उप प्रकार-41 कहा जाता है। पहले इस बीमारी को दुर्लभ रोग माना जाता था, लेकिन मामलों की संख्या और बच्चों में बीमारी की गंभीरता को देखते हुए इस इसके कारणों की जांच की जा रही है।
हेपेटाइटिस के कारण
इस बीमारी के अलग-अलग प्रकार अलग-अलग कारणों से हो सकते हैं। शराब के अत्यधिक सेवन की वजह से भी लिवर में सूजन आ जाती है या वह डैमेज हो जाता है। जिसे एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस (Hepatitis) भी कहा जाता है। क्योंकि, शराब सीधा लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और धीरे-धीरे लिवर फेलियर या सिरोसिस का भी कारण बनती है। कुछ दवाओं का अत्यधिक सेवन करने भी इसका एक बड़ा कारण है। कभी-कभी आपका इम्यून सिस्टम गलती से लिवर को शरीर के लिए हानिकारक समझ लेता है औऱ उसपर हमला कर देता है। जिससे सूजन आ सकती है और इसे ऑटोइम्यून रिस्पांस कहा जाता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
-भूख न लगना
-उल्टी आना
-आंखें पीली होना
-कई हफ्ते तक बुखार रहना
-पीले रंग का पेशाब
-पेद में दर्द
-अचानक वजन घटना
-जोड़ों में दर्द
हेपेटाइटिस से इस तरह बचाएं अपने बच्चों को
अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें
मसालेदार, मांसाहारी और भारी खाद्य पदार्थों देने बचें।
सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर या पकाकर खिलाएं।
हर बार नई सुई का इस्तेमाल करें।
दूसरों के व्यक्तिगत सामान को इस्तेमाल न करने दें।
हेपेटाइटिस के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कुत्ते भी जांच के घेरे में
ब्रिटेन के वैज्ञानिक जांच कर रहे हैं कि क्या यह बीमारी अधिक गंभीर हो गई है। जांच में यह बात सामने आई है कि ब्रिटेन में उन बच्चों में यह ज्यादा फैला जिन परिवारों के पास कुत्ते थे।
पेटाइटिस का उपचार
हेपेटाइटिस ए आमतौर पर खुद ही ठीक हो जाता है और इसमें सिर्फ आराम पर ध्यान देना होता है। लेकिन, अगर आपको उल्टी, डायरिया आदि की गंभीर समस्या हो रही है, तो शारीरिक हाइड्रेशन आदि के लिए डॉक्टर से संपर्क करें और तरल पदार्थों का खूब सेवन करें। हेपेटाइटिस सी का इलाज करने के लिए एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं या फिर जिन लोगों को हेपेटाइटिस सी की वजह से सोरोसिस होने के बाद लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत भी हो सकती है। हेपेटाइटिस डी और हेपेटाइटिस ई का अभी कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन इसमें खानपान का ध्यान रखकर इसे ठीक किया जा सकता है।