सिजेरियन डिलीवरी को सी-सेक्शन भी कहा जाता है, इस दौर में ये बहुत आम है। वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन आज-कल के समय में गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाएं मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर लेवल का सामना करती हैं और इस वजह से भी उनकी सिजेरियन डिलीवरी की जाती है। ज्यादातर लोग इन सवालों को लेकर असमंजस में रहते है कि सिजेरियन डिलीवरी होती क्या है और इसके कितने समय बाद अगली प्रेगनेंसी प्लान करनी चाहिए, आज हम आपको इन दोनों सवाल का जवाब देंगे।
सिजेरियन डिलीवरी होती क्या है ?
ये ऑपरेशन तब किया जाता है जब किसी गर्भवती महिला की नॉर्मल डिलीवरी में समस्याओं का सामना करना पड़ता है और वह नॉर्मल डिलीवरी में असमर्थ होती है।आसान शब्दों में कहें तो यह ऑपरेशन तब किया जाता है जब डिलीवरी के दौरान मां और बच्चे की जान को खतरा होने की संभावना होती है। सिजेरियन डिलीवरी आमतौर पर किसी तरह का कोई खतरा नहीं होता। लेकिन इसके बाद महिला का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है, जिससे कि आगे जाकर उनको कोई परेशानी न हो।
सिजेरियन डिलीवरी के कितने समय बाद अगर प्रेगनेंसी प्लान करें ?
यदि किसी महिला की डिलीवरी सी-सेक्शन द्वारा हुई है तो उन्हें अपनी अगली प्रेगनेंसी प्लान करने के लिए कम से कम 2 साल का समय लेना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर कोई महिला अगर प्रेगनेंसी के लिए इतने समय का ब्रेक लेती है तो उसकी अगली डिलीवरी नॉर्मल होने की ज्यादा संभावना होती है। लेकिन अगर कोई महिला सिजेरियन डिलीवरी के बाद 2 साल से पहले अगली प्रेगनेंसी प्लान करती है तो इस स्थिति में डिलीवरी के दौरान गर्भाशय के फटने का खतरा बढ़ जाता है और अगर ये फट जाता है तो इससे कई प्रॉब्लम हो सकती हैं।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-
1. यदि किसी महिला की डिलीवरी सी-सेक्शन हुई है तो कांट्रेसेप्शन का ध्यान रखना चाहिए। यह जरूरी है कि आपके पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के बीच में 18 महीने का गैप हो।
2. गर्भावस्था और सिजेरियन डिलीवरी की महिलाओं में कई पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, इसलिए यह जरूरी है कि उनके आहार में सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हों। इसलिए वह पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें, खासकर डाइट में ऐसे फूड्स शामिल करें जिनमें कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन भरपूर हो।
3. डिलीवरी के कुछ महीनों के बाद एक्सरसाइज करना शुरू करें। इसके लिए अपने डॉक्टर से पूछें कि आप कब एक्सरसाइज करना शुरू कर सकते हैं, खासकर पेट की एक्सरसाइज। क्योंकि डिलीवरी के बाद महिलाओं की बॉडी की शेप बिगड़ जाती है, इसलिए शेप में बने रहने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। लेकिन डॉक्टर से परामर्श किए बिना एक्सरसाइज न करें।
4. महिलाओं को डिलीवरी के कुछ महीनों बाद तक वजन न उठाएं, कम से कम 3 से 6 महीनों तक कोई भी भारी सामान उठाने से बचें।
5. साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है, खासकर पर्सनल हाइजीन का। क्योंकि इससे संक्रमण का जोखिम बढ़ता है। प्यूबिक हेयर्स को समय-समय पर साफ करें।