हिंदू धर्म में गौ माता को बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। आज के दिन गोपाष्टमी का त्योहार भी पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है। गोपाष्टमी के दिन गौ माता और उनके बछड़ों को सजाया जाता है। सजाकर उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है। गोपाष्टमी का त्योहार कार्तिक महीने की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। खासकर यह त्योहार मथुरा, वृंदावन, ब्रज के क्षेत्रों में मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गौ माता की पूजा करने के सारे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप गौ माता की पूजा इस दिन कर सकते हैं...
पूजा का शुभ मुहुर्त
गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त आज दोपहर 1:11 से लेकर रात 11:04 तक है। आज सिर्फ राहुकाल के समय को छोड़कर आप कभी भी गौ माता की पूजा कर सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। अभिजीत मुहूर्त आज सुबह 11:42 से लेकर 12:27 तक है।
कैसे करें पूजा?
आज के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं। इसके बाद अपने मंदिर की साफ-सफाई करें। साफ-सफाई करने के बाद मंदिर में गौ माता की बछड़े के साथ तस्वीर लगाकर घी का दीपक जलाएं। इसके बाद उन्हें फूल चढ़ाएं। माना जाता है आज के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और उनके चरणों को भी जरुर स्पर्श करना चाहिए। अगर आपके घर के पास गौशाला है तो वहां जाकर गाय माता की सेवा भी जरुर करें। पूजा के लिए आप सबसे पहले गौ माता का स्नान करवाएं। इसके बाद रोली चंदन से तिलक करें। इसके बाद गौ माता को फूल अर्पित करें और उन्हें भोग लगाएं। आप गो माता को चारे और गुड़ का भोग लगा सकते हैं। माना जाता है कि इससे आपको सूर्य दोष से भी छुटकारा मिलेगा।
क्या है गोपाष्टमी का महत्व?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। इसी पहाड़ी के नीचे सारे ब्रजवासियों से शरण ली थी। ब्रज में सात दिनों तक निरंतर बाढ़ के बाद देवराज इंद्र का घमंड टूट गया था। उन्होंने आज यानी गोपाष्टमी के दिन ही अपनी हार स्वीकार की थी। भगवान श्रीकृष्ण ने सात दिनों तक सारे ब्रजवासियों, पशुओं की गोवर्धन पहाड़ी के नीचे सात दिनों तक सुरक्षा की थी। इसलिए आज के दिन गौ माता की विशेष रुप से पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, गौ माता में सारे देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए उनकी पूजा करने से भक्तों को सारे देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।