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नई माताओं के लिए राहत भरी खबर, गंभीर पोस्टपार्टम डिप्रेशन की दवा को मिली मंजूरी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 05 Aug, 2023 05:27 PM
नई माताओं के लिए राहत भरी खबर, गंभीर पोस्टपार्टम डिप्रेशन की दवा को मिली मंजूरी

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने शुक्रवार को पहली बार प्रसवोत्तर अवसाद  (postpartum depression ) के इलाज के लिए एक गोली को मंजूरी दी है, माना जाता है कि यह स्थिति हर साल देश में लगभग पांच लाख महिलाओं को प्रभावित करती है। एफडीए ने एक बयान में कहा- ज़्यूरानोलोन नामक एंटीडिप्रेसेंट दवा, वयस्कों में प्रसवोत्तर अवसाद (पीपीडी) के इलाज के लिए संकेतित पहली मौखिक दवा है।

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रेगुलेटरी अथॉरिटी ने दी चेतावनी

बताया जा रहा है कि यह गोली, विशेष रूप से प्रसवोत्तर अवसाद के लिए डिज़ाइन की गई है अन्य अवसादरोधी दवाओं की तुलना में तेजी से काम करती है और इसे केवल दो सप्ताह की छोटी अवधि में लेने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 14 दिनों के कोर्स में जुरानोलोन नाम की इस टेबलेट को रोजाना दिन में एक बार खाना होगा। हालांकि जुरानोलोन को मंजूरी देते हुए दवा रेगुलेटरी अथॉरिटी ने चेतावनी भी दी है।

 

महीनों तक रहता है  पोस्टपार्टम डिप्रेशन

एजेंसी ने कहा कि महिलाओं को दवा लेते समय और दवा लेने के एक सप्ताह बाद तक प्रभावी गर्भनिरोधक का उपयोग करना चाहिए।  नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के अनुसार, बिना किसी इलाज के पोस्टपार्टम डिप्रेशन महीनों या सालों तक भी रह सकता है।  पोस्टपार्टम डिप्रेशन के इलाज में मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के साथ काउंसिलिग और एंटी डिप्रेशन दवाएं शामिल हैं। 

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क्या होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन

प्रसव के बाद महिलाओं के हार्मोन्स में बदलाव होते है, जिसका असर उसके व्यवहार पर पड़ता है।  प्रेग्‍नेंसी की वजह से अक्‍सर नई मांएं स्‍ट्रेस और डिप्रेस महसूस करती हैं। किसी वजह के बिना भी उन्‍हें काफी इमोशनल महसूस हो सकता है जिसे मेडिकल भाषा में पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन कहते हैं। कई बार महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन के साथ-साथ पोस्टपार्टम एंग्जायटी (Postpartum anxiety) की भी शिकार होती हैं। 


पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण

. हर समय मन उदास रहना
. स्वभाव में चिड़चिड़ापन बढ़ना और एंग्जइटी महसूस होना
. ज्यादा आलस व थकान रहना
.  खुद को किसी काम का ना समझना
. सिर या पेट में दर्द की परेशानी होना
. भूख कम या ना के बराबर लगना
. किसी काम या एक्टिविटी में ध्यान व मन ना लगना
. कई मांओं को बच्चे के साथ बॉन्डिंग बनाने में समस्या आती है
. बार-बार मन में बुरे ख्याल आने से रोने का मन करना
. अकेले रहना का मन करना

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पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज

. डिलीवरी के बाद पार्टनर व परिवार के सदस्य महिला के साथ अधिक से अधिक समय बीताएं। 
. पार्टनर या घर के किसी सदस्य के साथ सैर पर जाएं।
. अपने खान-पान का अच्छे से ध्यान रखें।
. डॉक्टर से पूछकर हल्की-फुल्की एक्सरसाइज या योग करें।
. दोस्तों के साथ फोन के जरिए संपर्क में रहें।
. समस्या अधिक हो तो इससे बचने के लिए काउंसलिंग का सहारा लें।
. पार्टनर व परिवार वालों का सपोर्ट मिलने पर भी इस समस्या से बचा जा सकता है।


अगर समस्या अधिक हो जाए तो मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इसके लिए मनोचिकित्सक मेडिकेशन थेरेपी, दवा और काउंसलिंग से इस बीमारी का इलाज करते हैं।

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