![Mother's Sacrifice: दिन- रात बच्चों की परवरिश में जुटी हर मां का चाहिए एक छोटा सा ब्रेक](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2023_5image_17_47_007875978mo6-ll.jpg)
कहा जाता है कि माता- पिता सभी से लड़ सकते हैं लेकिन वह औलाद के आगे हार जाते हैं। एक पिता तो चाहकर भी अपने बच्चे को वक्त नहीं दे पाता है लेकिन इन दिनों उन माओं की तदाद काफ बढ़ गई है जो अपने बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए पेशेवर जिंदगी छोड़कर घर में रहना शुरू कर देती हैं। करियर को छोड़ने वाली उच्च शिक्षा प्राप्त माताओं की खासी तादाद है।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/17_47_509635050mo-5.jpg)
कामकाजी महिला के लिए घर रहना आसान नहीं
Stay-At-Home Mom (SAHM) बनाने का फैसला लेना एक कामकाजी महिला के लिए बिल्कुल भी असान नहीं है। हालांकि दूसरों को लगता है कि घर पर रहने वाले माओं ने अच्छा निर्णय लिया है, अब वह आराम से अपने बच्चे का ख्याल रख सकती हैं, लेकिन यह बात शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि किस और काम के मुकाबले घर पर छोटे बच्चे के साथ रहने पर ज्यादा तनाव बढ़ता है।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/17_47_176108738mo.jpg)
बच्चे की जिम्मेदारी आ जाती है मां पर
एक रिसर्च में इस बात का दावा किया गया है, ऐसे में ये सोचना गलत है कि जो महिलाएं घर पर रहती हैं उनकी जिंदगी बहुत आसान है। मां के रूप में घर पर रहकर अपने बच्चों की जरूरतों का ख्याल रखना और दिन भर उनके साथ रहना बेशक उनको संतुष्टि देता है, लेकिन इस सब में वह अपने आप को भूल जाती है। इसके साथ ही बच्चे की जिम्मेदारी जान- अनजाने में उसके सिर पर आ जाती है, क्योंकि वह घर पर जो रह रही है।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/17_47_339504919mo-3.jpg)
दूसरों पर भरोसा नहीं कर पाती महिलाएं
कई महिलाएं अपने नन्हे-मुन्नों की देखभाल के लिए दूसरों पर भरोसा नहीं कर पाती, ऐसे में वह घर रहने का फैसला लेकर अपने जीवनशैली में बड़ा बदलाव ले आती हैं। कई सर्वे में भी यह बात सामने आ चुकी है कि बहुत सी महिलाएं अपने बच्चे के लिए करियर को पूरी तरह छोड़ चुकी हैं। हालांकि कुछ बच्चे के बड़े होने पर फिर से अपनी पेशेवर जिंदगी करने का सोचती तो हैं लेकिन ‘भेदभाव’ के डर से वह दोबारा पुरानी नौकरी में जाना नहीं चाहती।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/17_48_328898094mo-7.jpg)
पुरुषों की भी बढ़ गई है तदाद
पिछले कुछ सालों से घर पर रहने वाले पुरुषों की दर भी काफी बढ़ी है। बच्चों के साथ घर में रहने के कुछ फायदे भी हैं। आप बच्चों पर पूरा ध्यान दे सकते हैं, आप उनकी गतिविधियों पर आसानी से नजर रख सकती हैं, उनके बीमार होने पर उनकी देखभाल कर सकते हैं। हरेक दिन अपने बच्चों के साथ कुछ नया और अनमोल एक्सपीरियंस प्राप्त करके आप उन यादगार लम्हों को संजोकर रख सकते हैं