टीवी शो 'ससुराल सिमर का' से घर- घर पहचान बनाने वाली दीपिका ने फिलहाल पर्दे से दूरी बना रखी है। उन्होंने अपने अभिनय की दुनिया से ब्रेक लेकर मातृत्व को पूरी तरह अपनाने का फैसला किया और इस बात पर जोर दिया कि उन्हें घर पर रहने का सौभाग्य मिला है। फिलहाल वह अपने लाडले बेटे रूहान की परवरिश में व्यस्त है। हालांकि मां बनने से पहले उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
दरसअल एक्ट्रेस को प्रेग्नेंसी के थर्ड सेमेस्टर में जेस्टेशनल डायबिटीज हो गया था। दीपिका ने उस समय बताया था कि उन्हें डॉक्टर ने मीठ्ठा खाने के लिए मना कर दिया था।। डॉक्टर ने उन्हें ज्यादा वॉक और एक्सरसाइज करने के लिए सलाह दी थी। यह गर्भावस्था के दौरान होने वाला एक प्रकार का डायबिटीज है जो गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यहां जेस्टेशनल डायबिटीज के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है और प्रेगनेंट महिलाओं को इससे बचने के उपाय बताए गए हैं।
जेस्टेशनल डायबिटीज क्या है?
एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक हो जाता है। यह आमतौर पर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे तिमाही में विकसित होता है और बच्चे के जन्म के बाद सामान्य हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा से निकलने वाले हार्मोन ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक इंसुलिन की जरूरत होती है, और कुछ महिलाओं में इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता।
जेस्टेशनल डायबिटीज के लक्षण
- अत्यधिक प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
- अत्यधिक भूख लगना
- थकान महसूस होना
- धुंधला दिखना
प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज से बचने के उपाय
-साबुत अनाज, फल, और सब्जियों का सेवन करें और शक्कर और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
- दिन में छोटे और नियमित अंतराल पर भोजन करें ताकि ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहे।
-प्रोटीन और फाइबर युक्त आहार को अपनी डाइट में शामिल करें। यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करता है।
- रोजाना 30 मिनट तक हल्की फुल्की कसरत जैसे वॉकिंग, प्रेगनेंसी योग, या तैराकी करें।
-कोई भी व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
-नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच कराएं ताकि किसी भी बदलाव का तुरंत पता चल सके।
-घर पर भी ब्लड शुगर की जांच करने के लिए ग्लूकोमीटर का उपयोग करें।
-प्रेगनेंसी के दौरान वजन पर नियंत्रण रखना महत्वपूर्ण है। अधिक वजन बढ़ने से जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
-हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के जरिए वजन को नियंत्रित रखें।
इस बात का रखें ध्यान
जेस्टेशनल डायबिटीज गर्भवती महिलाओं के लिए एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन इसे सही देखभाल और जीवनशैली में बदलाव से नियंत्रित किया जा सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और नियमित ब्लड शुगर मॉनिटरिंग जैसे उपाय अपनाकर महिलाएं इस स्थिति से बच सकती हैं और स्वस्थ प्रेगनेंसी का आनंद ले सकती हैं। दीपिका कक्कड़ जैसी हस्तियों के अनुभव से प्रेरणा लेते हुए, प्रेगनेंट महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण के बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।