जहां भारत में कोरोना की दूसरी लहर थमती हुई नज़र आ रही हैं वहीं डाॅक्टरों और विषेशज्ञों का मानना है कि बहुत जल्द तीसरी लहर आ सकती हैं। जिसे देखते हुए सरकार ने कड़े कमद उठाने भी शुरू कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 26 राज्यों के 111 ट्रेनिंग सेंटरों से कोविड-19 हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया है।
बच्चों के लिए तैयार हो रहे 4 टीके
वहीं दूसरी तरफ, जुलाई में बच्चों पर कोवावैक्स का परीक्षण शुरू करने की योजना बना रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ बच्चों के लिए 4 टीके तैयार होने की संभावना जताई है। भारत बायोटेक के पास दो टीके हैं जो बच्चों पर आजमाए जा रहे हैं जबकि जाइडस कैडिला के टीके के लिए परीक्षण में शुरू से ही बच्चे शामिल थे। इसलिए अगर सब कुछ वैक्सीन निर्माताओं की योजना के अनुसार होता है, तो भारत में बच्चों के लिए चार टीके होंगे।
कोवैक्सिन-
हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित एक भारतीय वैक्सीन में भारत बायोटेक का कोवैक्सिन भी शामिल है। फिलहाल इस समय भारत में कोवैक्सीन का टीका वयस्कों को लगाया जा रहा है। यह लगभग 78 प्रतिशत प्रभावकारी है। वहीं, अब वैक्सीन 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल फेज में है।
भारत बायोटेक की नेजल वैस्कीन (BBV154)-
भारत बायोटेक का वन-शॉट नेज़ल वैक्सीन, जिसे गेम-चेंजर के रूप में माना जा रहा है, पहले से ही उसका परीक्षण जारी है। यह एक नेजल टीका है, जो इसे बच्चों के टीकाकरण के लिए बहुत सुविधाजनक बनाता है। इसके परीक्षण में बच्चे शामिल थे।
Zydus Cadila की ZyCov-D-
Zydus Cadila की ZyCov-D एक और टीका है जिसका परीक्षण वयस्कों के अलावा 12 से 18 वर्ष के बच्चों पर किया जा रहा है। यह टीका जल्द ही लाइसेंस के लिए आवेदन करेगा और मंजूरी मिलने के बाद बच्चों को टीका लगाया जा सकता है।
नोवावैक्स/कोवावैक्स-
नोवावैक्स या कोवावैक्स भारत में बच्चों के लिए क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने वाला चौथा टीका है। वैक्सीन को नोवावैक्स ने विकसित किया है जिसका पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ करार है। टीके की कुल प्रभावकारिता 90.4 प्रतिशत है।