पीठ में दर्द होने का मुख्य कारण होता है रीढ़ की हड्डी में परेशानी। रीढ़ की हड्डी में लचीलेपन या फिर दर्द के कारण व्यक्ति परेशान हो जाता है। इसके कारण ऑफिस में बैठकर काम करने, महिलाओं को घर के काम करते दौरान बी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई बार तो दवाईयों का सेवन करके भी दर्द से आराम नहीं मिल पाता ऐसे में आप कुछ योगासन अपनी रुटीन में शामिल करके समस्या से राहत पा सकते हैं। योग न केवल आपका मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर करने में मदद करते हैं। योग करने से रीढ़ की हड्डी का दर्द दूर होता और लचीलापन बढ़ता है। तो चलिए आपको बताते हैं कुछ ऐसे योगासन जो दर्द से राहत दिलवाने में मदद करेंगे।
धनुरासन
नियमित धनुरासन करके आप पीठ का दर्द कम कर सकते हैं। धनुरासन करने से फेफड़े खुलते हैं और मांसपेशियां मजबूत बनीत है। इसके अलावा यदि आपके बैठने का पॉश्चर गलता है तो भी आप इस योगसन को कर सकते हैं। इससे पीठ का दर्द कम होगा और सीने में होने वाली जलन भी दूर होगी।
सेतुबंधासन
इस आसन को ब्रिज पोज भी कहते हैं क्योंकि इसमें पुल की आकृति का पोज बनाना होता है। पीठ के बल लेटकर फिर हाथों से एड़ियों को पकड़ें और रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर उठाएं। इससे पेट की मांसपेशियां रीढ़ की हड्डी का लचीलापन ठीक होगा। रोजना आप 2-5 मिनट इस आसन को कर सकते हैं।
शलभासन
शलभासन करने से पीठ की मांसपेशियां मजबूत बनती है और कमर के दर्द से आराम मिलता है। पेट के बल लेट जाएं फिर ठुड्डी को नीचे की ओर जमीन पर लगाएं। हथेलियों को जांघों को जांघों के नीचे रखें और फिर पैरों को ऊपर उठा लें। 2-5 बार इस पोजीशन को करें फिर पैरों को ऊपर उठाकर कुछ मिनट तक होल्ड कर लें।
भुजंगासन
रीढ़ की हड्डी को कम करने के लिए आप भुजंगासन भी कर सकते हैं। इस आसन को करने में आपकी स्पाइनल कोर्ड पीछे की ओर मुड़ती है और आपके कुल्हे मजबूत बनते हैं। रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाने के लिए रोजाना आप 2-3 मिनट इस योग को करें। इससे कंधे, पेट और छाती में खिंचाव आता है। इसके अलावा यह एक बहुत अच्छा स्ट्रेचिंग योगासन है।
चक्रासन
चक्रासन फेफड़ों को स्ट्रेच करके रीढ़ की हड्डी में लचीलपन लाने में मदद करता है। इसके अलावा इस आसान को करने से पेल्विक एरिया मजबूत होता है। पीठ के बल लेट जाएं और फिर अपने पैरों को तबतक मोड़ें जब तक हथेली सीधी न हो जाए। उल्टा यू बनाएं और रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर उठा लें। इससे गर्दन की मांसपेशियां और कंधे की मांसपेशियां लचीली बनती हैं।