आजकल अधिकांश महिलाओं में थायराइड से जुड़ी परेशानियां देखने को मिलती हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है लेकिन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह अधिक होती है। थायरायड शरीर की एक ऐसी ग्रंथि (ग्लैंड) है, जो तितली (बटरफ्लाई) की आकृति में गले के निचले भाग में स्थित होती है। यह ग्रंथि शरीर में हार्मोन पैदा करती है और शरीर के चयापचय (मैटाबोलिज्म) को नियंत्रित करती है।
थायरायड कई बीमारियाें को देता है न्यौता
इस ग्रंथि द्वारा मुख्य तौर पर जो हामांस निकलते हैं, उन्हें ट्राओडोथाइरोनिन अथवा टी-3 तथा थाइरोक्सिन अथवा टी-4 के नाम से जाना जाता है। हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे यह थायराक्सीन हार्मोन शरीर के लिए ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इस ग्रंथि से निकलने वाले हामौस शरीर की लगभग सभी क्रियाओं पर प्रभाव डालते हैं। थायरायड से संबंधित निम्नलिखित बीमारियां उत्पन्न होती हैं:
हाइपोथाएॉएण्डिज्म : कम हार्मोन बनना।
हाइपरथाएॉएडिज्म : अधिक हार्मोन बनना ग्वायटर (गलगंड): थायरायड का आकार में बड़ा हो जाना।
थायरायड नोड्यूल्स : थायरायड ग्रंथि में किसी एक स्थान पर सूजन हो जाना।
थायरायड कैंसर : थायरायड नोड्यूल्स अथवा टिश्यूज में अनियंत्रित वृद्धि।
थायरोडाइटिस : पूरे थायरायड में सूजन।
दो मुख्य बीमारियां
उपरोक्त बीमारियों में मुख्य तौर पर दो बीमारियां हाइपोथाएॉएडिज्म तथा हाथपरथाएॉएडिज्म लोगों में ज्यादा देखने को मिलती हैं।
हाइपोथाएॉएडिज्म
थायरायड ग्रंथि के अविकसित होने, जन्म के समय से ही इसमें विकृति होने, ऑप्रेशन के दौरान पूरी या आंशिक रूप से इसके निकल जाने के कारण या अन्य कारणों से थायरायड हामॉन को उत्पन्न करने में जब थायरायड ग्रंथि असमर्थ हो जाती है तो उसे हाइपोथाएरॉएडिज्म कहा जाता है।
हाइपोथाएरॉएडिज्म के लक्षण
-सोने में परेशानी
-थकान
-एकाग्रता
-याद रखने में कमी
-वजन का बढ़ना
- त्वचा और नाखूनों का सूख जाना
-तनाव
-कब्ज
-सांस लेने में परेशानी
- पैरों में सूजन
-चेहरे और आंख में सूजन
-आवाज का खराब होना
-अधिक ठंड लगना
-महिलाओं में मासिक धर्म में अधिक रक्त का निकलना।
हाइपरथायरॉएडिज्म इसमें थायरायड ग्रंथि के अधिक कार्य करने के कारण शरीर में अधिक हार्मोन का उत्पन होने लगता है।