Water Retention : वॉटर रिटेंशन यानि शरीर के अंगो में पानी का जमाव। वॉटर रिटेंशन की समस्या से शरीर के अंगों में पानी का जमा हो जाता है, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों में जैसे हाथ, पैर, चेहरे और पेट की मांसपेशियों में सूजन आ जाती हैं। कई बात तो वॉटर रिटेंशन की समस्या होने पर पैरों, एड़ियों और टांगों में तेज दर्द भी होने लगता है। आज हम आपको वॉटर रिटेंशन क्या है, इसके कारण और लक्षण बताएंगे, जिससे आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
क्या है वॉटर रिटेंशन?
इस समस्या में शरीर में नमक की मात्रा बढ़ने के कारण रोगी में वॉटर रिटेंशन होता है और आइडेमा विकसित हो जाता है। ऐसा अक्सर तभी होता है, जब हमारा शरीर मिनरल के स्तर को संतुलित नहीं कर पाता, जिससे शरीर के टिशूज में पानी जमने लगता है और इसी वजह से शरीर फूलने लगता है। अगर आपको भी अपने शरीर में ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो घबराएं नहीं, बल्कि डॉक्टर से मिलें। साथ ही इन पौष्टिक आहारों को अपने खाने में शामिल करें।
वॉटर रिटेंशन के कारण
खून की कमी के कारण
ज्यादा समय तक एक ही स्थिति में खड़े रहना
ज्यादा नमक या शर्करा का सेवन
मानसिक स्त्राव के दौरान हार्मोन्स में होने वाले बदलाव
दिल या लीवर की बीमारी के कारण
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण
वॉटर रिटेंशन के लक्षण
भूख न लगना
पैरों, एडियों और टांगों में दर्द
शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन
अचानक वजन बढना या कम
त्वाचा पर निशान पड़ना
हाइपोथायराइड की समस्या होना
पेट में भारीपन
खान-पान की चीजों से एलर्जी होना
वॉटर रिटेंशन के घरेलू उपाय
1. अपनी डाइट में मैग्नीशियम युक्त चीजों के साथ दही, हरी सब्जियों और नट्स शामिल करें। इससे वॉटर रिटेंशन की समस्या दूर होती है।
2. आलू, केला और अखरोट में विटामिन B6 पाए जाते हैं और यह वॉटर रिटेंशन को दूर करने में मददगार होते हैं। इसलिए रोजाना आलू, अखरोट और केला का सेवन जरूर करें।
3. विटामिन सी वाली चीजों जैसे संतरा, गाजर को नियमित रूप से खाने पर आपको बार-बार पेशाब आता है, जिससे शरीर मे पानी कम हो जाता है।
4. इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए थोड़ा-थोड़ा पानी पीएं। दरअसल, शरीर तब पानी इकट्ठा करने लगता है, जब उसे पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता। इसलिए जब भी मौका मिलें पानी, नींबू पानी या संतरे का जूस पीएं। इससे शरीर में पोटेशियम की मात्रा बढ़ेगी और सूजन कम होगी।
5. इस समस्या को दूर करने के लिए जितना हो सकें नमक का सेवन कम करें। नमक ही नहीं आप अपने भोजन में अन्य मसाले जैसे मिर्च, हल्दी का भी कम इस्तेमाल करें।
6. तनाव शरीर के विषैले पदार्थ को शरीर से बाहर नहीं निकलने देता, जोकि वॉटर रिटेंशन को और भी बढ़ा देता है। इसलिए नियमित योगा से अपने तनाव, टेंशन को दूर करें। रोजाना कम से कम आधे घंटे तक एक्सरसाइज करें।
7. एक ही अवस्था में ज्यादा देर बैठे या खड़े रहने के कारण वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है। इसलिए किसी भी काम के दौरान थोड़ी-थोड़ी ब्रेक जरूर लें। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि काम करते समय क्रॉस लैग करके न बैठे इससे रक्त का बहाव अवरूध होता है।
8. वॉटर रिटेंशन को दूर करने के लिए सेब, अंगूर, स्ट्रॉबैरी, हरी पत्तेदार सब्जियां, अजमोद, चुकंदर और शतावरी जैसी चीजों का सेवन करें। इससे आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई होने में मदद मिलेगी और रक्त के बहाव भी सही रहेगा।
इन बातों का भी रखें ध्यान
1. डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। इसमें अधिक मात्रा में नमक, चीनी और कई हानिकारक तत्व पाएं जाते हैं। इन्हें खाने से शरीर में नमक और पानी की मात्रा बढ़ जाती है। अगर आप पहले से ही वॉटर रिटेंशन का शिकार हैं तो ये आपकी स्थिति और भी बिगाड़ सकते हैं।
2. किसी भी तरह के रिफाइंड आइटम्स को आपने भोजन में शामिल ना करें। इससे शरीर में इंसुलिन लेवल गड़बड़ा जाता है, जिसकी वजह से वॉटर रिटेंशन की समस्या बढ़ जाती है।
3. एल्कोहल का सेवन और धूम्रपान करने से शरीर डिहाइड्रेटिड होता है। इसकी वजह से शरीर में मिनरल्स की कमी हो सकती है। इसलिए धूम्रपान से दूर ही रहें।
4. नमक, शक्कर, चीनी, बेकिंग पाउडर का कम से कम सेवन करें। इसके अलावा अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें।
5. ज्यादा गर्म पानी से स्नान न करें। इसके अलावा अपना वजन भी कंट्रोल में रखने की कोशिश करें।