08 OCTTUESDAY2024 10:18:05 PM
Nari

Ultra Processed Foods से भारत बना मधुमेह का हॉटस्पॉट,वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 08 Oct, 2024 11:56 AM
Ultra Processed Foods से भारत बना मधुमेह का हॉटस्पॉट,वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा

नारी डेस्क: भारत में मधुमेह की तेजी से बढ़ती समस्या अब एक बड़े खतरे के रूप में उभरकर सामने आई है। चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (एमडीआरएफ) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किए गए एक क्लीनिकल ट्रायल में यह खुलासा हुआ है कि चिप्स, कुकीज, केक, फ्राइड फूड्स और मेयोनीज जैसे अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ भारत में मधुमेह के प्रमुख कारण बन रहे हैं। भारत अब "मधुमेह की राजधानी" कहलाने लगा है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स से बढ़ रहा मधुमेह का खतरा

इस अध्ययन में यह पाया गया है कि इन Food Products में मौजूद एडवॉन्स्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (एजीई) नामक तत्व सीधे पेनक्रियाज को प्रभावित करते हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन उत्पादन में समस्या आती है। इसके परिणामस्वरूप मधुमेह जैसी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। शोधकर्ताओं ने पहली बार 38 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल कर इस बात का विश्लेषण किया कि प्रोसेस्ड फूड्स का उनके ग्लूकोज और लिपिड मेटाबोलिज्म, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, और इन्फ्लेमेशन पर क्या असर हो रहा है। इन 38 लोगों में से कुछ को कम एजीई वाले आहार पर रखा गया जबकि कुछ को अधिक एजीई वाला आहार दिया गया। 12 सप्ताह के इस अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ कि जिन लोगों ने अधिक एजीई वाला आहार लिया, उनमें मधुमेह और अन्य गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases) का खतरा अधिक पाया गया।

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साबुत अनाज और स्वस्थ आहार के फायदे

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि साबुत अनाज, हरी सब्जियां, और फल खाने से शरीर में एजीई का स्तर कम रखा जा सकता है। प्रोसेस्ड और तले हुए खाद्य पदार्थों की जगह, ऐसे भोजन का सेवन मधुमेह और अन्य बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है। इस अध्ययन में पाया गया कि कम एजीई वाले आहार से ग्लूकोज और लिपिड के स्तर में सुधार देखा गया, जो कि मधुमेह की रोकथाम में मददगार साबित हो सकता है।

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गैर संचारी (non communicable) रोगों में वृद्धि का कारण

अध्ययन में यह भी बताया गया कि भारत में मधुमेह और मोटापा जैसे गैर-संचारी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। यह समस्या न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल रही है। इसके प्रमुख कारणों में कार्बोहाइड्रेट और पशु उत्पादों का अत्यधिक सेवन, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली शामिल हैं।

एमडीआरएफ के अध्यक्ष डॉ. वी मोहन का कहना है कि भारत में पोषण की आदतों में तेजी से बदलाव हो रहा है। लोग पहले की तुलना में अब अधिक वसा, शुगर, और पशु उत्पाद खा रहे हैं। साथ ही व्यायाम और शारीरिक श्रम से दूरी बढ़ रही है, जिसका सीधा असर लोगों के मोटापे और मधुमेह की बढ़ती दर पर देखा जा रहा है।

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मधुमेह से बचने के उपाय

डॉ. मोहन ने बताया कि भोजन में एजीई का स्तर कम रखने के लिए, हमें अपने भोजन को तलने, भूनने या ग्रिल करने से बचना चाहिए। अधिक तेल और घी का इस्तेमाल कम करना चाहिए और ताजे फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाना चाहिए।

सूखे मेवे, भुने हुए अखरोट, सूरजमुखी के बीज, तला हुआ चिकन और बेकन में भी एजीई का स्तर अधिक होता है, इसलिए इनसे बचना बहुत जरूरी है।

भारत में मधुमेह का बढ़ता खतरा एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय है। प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के बढ़ते सेवन से मधुमेह जैसी बीमारियाँ तेजी से फैल रही हैं। ऐसे में स्वस्थ आहार की ओर ध्यान देना और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। साबुत अनाज, हरी सब्जियां, और फलों का सेवन मधुमेह से बचाव में सहायक हो सकता है, जबकि चिप्स, कुकीज और मेयोनीज जैसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखना जरूरी है।

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साबुत अनाज का सेवन करें साबुत अनाज जैसे ओट्स, क्विनोआ, और ब्राउन राइस का सेवन करें, क्योंकि इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

ताजे फल और सब्जियां खाएं प्राकृतिक शर्करा और फाइबर प्रदान करते हैं। ये शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का स्तर बढ़ाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।

तले-भुने खाद्य पदार्थों से बचें अधिक तेल या घी में तले हुए खाद्य पदार्थों से परहेज करें। भुने या ग्रिल किए हुए खाद्य पदार्थ अधिक स्वास्थ्य होते हैं।

शुगर और नमक का सेवन सीमित करें प्रोसेस्ड फूड्स में अक्सर उच्च मात्रा में शुगर और नमक होता है। इनका सेवन कम करें ।

भविष्य में मधुमेह की रोकथाम के लिए जागरूकता और सही पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करना महत्वपूर्ण है, ताकि भारत इस "मधुमेह की राजधानी" की स्थिति से बाहर निकल सके।

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