आज हर 10 में एक इंसान थायराइड का शिकार है। वैसे तो इसकी ज्यादातर शिकार महिलाएं होती हैं लेकिन यह पुरुषों और बच्चों को भी हो सकता है। जो महिलाएं थायराइड की शिकार होती हैं उन्हें कंसीव करने में सबसे ज्यादा दिक्कतें आती हैं।
थायराइड एक हार्मोंनल रोग है। जब इनका लेवल गड़बड़ाता है तो समस्याएं शुरू हो जाती है लेकिन थायराइड का लेवल होना कितना चाहिए यह कैसे जाने? तो आपको बता दें कि थायराइड स्टिमूलेटिंग हार्मोन यानी टीएसएच (TSH) व्यक्ति की उम्र, सेक्स और जिंदगी के स्टेज पर निर्भर करता है।
वैसे तो सामान्य टीएसएच लेवल 0.45 और 4.5 mU/L के बीच रहता है। एक 28 साल की महिला का सामान्य टीएसएच 4.2 mU/L हो सकता है जबकि 88 साल की बुजुर्ग महिला का 8.9 mU/L भी हो सकता है। स्ट्रेस, डाइट, दवाइयां खाने, प्रेग्नेंसी के दौरान और पीरियड्स की वजह से भी टीएसएच का लेवल ऊपर नीचे हो सकता है।
यह एक आम बीमारी बन चुकी हैं लेकिन इसे सही तरीके से मैनेज किया जा सकता है यानि टीएसएच लेवल ना कम हो ना ज्यादा। थायरॉइड ग्रंथि, शरीर का ही एक अंग होती है जो गर्दन में पाई जाती है। जब ग्रंथि से जुड़ी गड़बड़ी शुरू होती हैं तो
.ब्लड प्रैशर बढ़ने और कम होने लगता है।
.गले में सूजन, आवाज में करकश आने लगती है।
.हार्ट बीट तेज रहने लगती है
.ज्यादा प्यास लगती है।
.स्वभाव में बदलाव जैसे कभी अचानक दुखी और अचानक उदास और खुशी होने लगती है।
.महिला को थायराइड होने पर पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं।
.बाल झड़ने लगते हैं।
.थकान, सुस्ती और कमजोरी महसूस होने लगती है।
थायराइड होने के कारण भी बहुत से हो सकते हैं।
.डिलीवरी के बाद महिलाओं को थायराइड हो जाता है।
.शरीर में आयोडीन की कमी होने पर,
.सोया प्रॉडक्ट्स का ज्यादा सेवन करने पर,
.हाई ब्लड प्रैशर, डायबिटीक मरीजों को
.कई बार कारण आनुवांशिक भी हो सकते हैं।
थायराइड को कंट्रोल में रखना है तो आपको अपने खान-पान पर पूरा ध्यान देना होगा।
.भूखे पेट तो बिलकुल ना रहे।
. आयोडीन युक्त भोजन करें।
. फल-सब्जियां ज्यादा खाएं।
. ज्वार-गेहूं वाले भोजन का सेवन करें।
. फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स से भरे साबुत अनाज का सेवन करें।
. विटामिन ए लें।
ये चीजें तो बिलकुल ना खाएं
डिब्बाबंद फूड बिलकुल ना खाएं।
जंक फूड और बाहर का खाना ना खाएं।
एल्कोहल, धूम्रपान से परहेज करें।
जितना हो सकें, तनाव से दूर रहें क्योंकि जितना तनाव से दूर रहेंगे उतना ही बीमारी से जल्दी मुक्त होंगे। योग का इस रोग को जड़ से खत्म करने में अहम योगदान है। आप सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, मत्स्यासन, धनुरासन, उष्ट्रासन, पवनमुक्तासन, हलासन, सर्वांगासन।
थायरॉइड की दवाओं का सेवन डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही करें। अगर दवाई लगी है तो समय पर खाएं आना-कानी बिलकुल ना करें। आप चाहें तो थायराइड का होम्योपैथिक इलाज भी आप करा सकते हैं लेकिन बिना परामर्श के कुछ ना करें।
लेकिन याद रखिए आपके खाने-पीने का इस बीमारी से खास कनैक्शन है इसलिए खान-पान ज्यादा ध्यान दें जितना लाइफस्टाइल हैल्दी होगा उतना जल्दी आप बीमारी से मुक्त रहेंगे।