बढ़ती उम्र को तो कोई रोक नहीं सकता है लेकिन इस उम्र में होने वाली समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है। 40 की उम्र के बाद मेनोपॉज के कारण महिलाओं तनाव, जोड़ों में दर्द, हड्डियां कमजोर होना, एंटी-एजिंग जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप बढ़ती उम्र की इन परेशानियों से बचने के लिए योगासन का सहारा ले सकती हैं।
आज हम आपको 3 ऐसे योगासनों के बारे में बताएंगे, जो 40 की उम्र के बाद भी महिलाओं को स्वस्थ रखेंगे।
सुखासन
सुखासन करने से मन को शांति मिलती है, जिससे आप तनावमुक्त रहती हैं। वहीं यह योगासन रीढ़ की हड्डी से जुड़ी परेशानियों से बचाने में भी मदद करता है।
कैसे करें?
इस आसन को करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं। फिर सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा करें और आंखों को बंद करते हुए अपनी हथेलियों को घुटनाें पर रखें। दोनों कंधों को ढीला छोड़कर एक सीध में लाएं। सांस को अंदर-बाहर छोड़ें। कुछ देर इस स्थिति में रहने के बाद सामान्य हो जाए।
ताड़ासन
इससे ना सिर्फ शारीरिक व मानसिक विकास होता है बल्कि यह रीढ़ की हड्डी को भी मजबूती देता है। साथ ही इससे आप मेनोपॉज के कारण होने वाली परेशानियों से भी बची रहती हैं।
कैसे करें?
इसके लिए जमीन पर बिल्कुल सीधे खड़े हो जाए और हाथाें को सीधा ऊपर की तरफ उठाएं। आंखे बंद करते हुए धीरे-धीरे पूरे शरीर को ऊपर की तरफ खींचें। इसे पैरों की उंगलियों से लेकर हाथ की उंगलियों तक महसूस करें। इस स्थिति में कुछ समय रहने के बाद धीरे-धीरे वापस सामान्य पोजीशन में आ जाए।
उत्तानासन
इससे आप कमर दर्द, हड्डियों में मजबूती जैसी कई परेशानियों से बची रहेंगी। इसके लिए वहीं यह मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव व डिप्रेशन में राहत देता है। इसके अलावा यह मेनोपॉज, सिरदर्द, अनिद्रा, हाई बीपी, बांझपन और साइनस के लिए भी फायदेमंद है।
कैसे करें?
इसके लिए सीधे खड़े होकर दोनों हाथाें को हिप्स पर रख लें। अब सांस अंदर की तरफ लेते हुए कमर को आगे की तरफ झुकाएं। शरीर का संतुलन बनाते हुए हिप्स को थोड़ा-सा पीछे की ओर ले जाएं। अब पैर सीधे रखते हुए हाथों से टखनों को पीछे की तरफ से पकड़ें। सिर को नीचे की तरफ झुकाते हुए 15-30 सेकेंड तक रुके और फिर सामान्य हो जाए।