अपनी जीवनशैली तथा डाइट में कुछ परिवर्तन करके टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। शोध के अनुसार, डायबिटीज 4 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है, जिनमें 25 साल की कम उम्र के लोग भी शामिल हैं। इसके सामान्य कारकों में वजन बढ़ना, ब्लड प्रेशर बढ़ना और कोलेस्ट्रॉल बढ़ना शामिल हैं। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसे खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन सही डाइट लेकर इसे कंट्रोल किया जा सकता हैं।
क्या है टाइप 1-2 डायबिटीज
टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटो इम्यून रोग है, जिसका संबंध वजन बढ़ने या कम होने से है। टाइप-2 डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
ब्लड शुगर की सामान्य मात्रा
ब्लड शुगर का चेकअप हमेशा खाली पेट ही करवाना चाहिए। इसके लिए आपको 8 से 10 घंटे भूखे रहना चाहिए। वहीं खाली पेट ब्लड शुगर लेवल की सामान्य मात्रा 70 से 110 mg/dl होती हैं और खाना खाने के बाद शुगर की सामान्य मात्रा 140 से 160 mg/dl होनी चाहिए।
डायबिटीज मरीजों के लिए डाइट प्लान
डायबिटीज और स्ट्रॉबेरी
डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए स्ट्रॉबेरी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इस फल में प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी मौजूद होता है, जो टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मददगार होता है। एक कप स्ट्रॉबेरी में 160 प्रतिशत प्राकृतिक शुगर होती है, जो डायबिटीज रोकने में सहायक है।
प्रोबायोटिक फूड्स का करें सेवन
शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं तो अपनी डाइट में प्रोबायोटिक युक्त फूड्स जैसे दही, नट्स, सेब, सॉवरक्रॉट, कोम्बुचा, अचार, डार्क चॉकलेट, मिसो सूप और केफिर शामिल करें।
सुपर फल तथा सब्जियां
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो अंगूर, बेरीज, सिट्रस फल, अनानास और आड़ू को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही आप फलों का जूस पीकर भी शुगर लेवल को सामान्य रख सकते हैं। इसके अलावा पालक का सेवन भी आपके लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें पोटाशियम होता है, जोकि शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। अगर आपको लगे तो आप पालक का जूस भी पी सकते हैं।
स्प्राउट्स सैलेड
स्प्राउट्स प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाते हैं और ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में बी रखता हैं। भाप में बने स्प्राउट्स में खीरा, टमाटर और पनीर काटकर डालें। ऊपर से नमक और एक छोटा चम्मच नींबू का रस मिक्स करके खाएं। दाल की जगह आप काले चने का स्प्राउट्स भी खा सकते हैं।
ड्राई फ्रूट्स का सेवन
डायबिटीज के रोगी को आहार में ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए लेकिन इसे सीमित मात्रा में लेना बहुत जरूरी है। जरूरत से ज्यादा खाए गए नट्स आपको बीमार भी कर सकते हैं। नट्स में फाइबर, विटामिन, मिनरल्स उच्च मात्रा में और कार्ब्स कम मात्रा में होते हैं। इन्हें खाने से रक्त में ब्लड शुगर का लेवन नहीं बढ़ता इसलिए स्नैक्स में पिस्ता, अखरोट, काजू, बादाम आदि खाएं।
कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन
जिन लोगों को शुगर की समस्या है उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करते हैं। कार्बोहाइड्रेट का सीधा असर ब्लड शुगर के स्तर पर पड़ता है, जिसके कारण पाचन क्रिया के दौरान खून में रक्त शर्करा का प्रभाव तुरंत होता है। कार्बोहाइड्रेट शरीर को ग्लूकोज के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे शुगर कंट्रोल में रहती है।
डायबिटिक पेशेंट के लिए जरूरी है प्रोटीन डाइट
डायबिटीज पेशेंट्स में कार्बोहाइड्रेट के चयापचय करने की क्षमता कम हो जाती है और इसी कारण उसे हाई ब्लड शुगर होता है इसलिए उन्हें कार्बोहाइड्रेट की जगह अधिक प्रोटीन लेने के लिए जोर दिया जाता है। प्रोटीन ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और साथ ही इससे पेट लंबे समय तक भरा हुआ लगता है। प्रोटीन पेट को धीरे-धीरे खाली करने का काम करता है, जिससे स्टार्च ब्लड में जाने से पहले ही ग्लूकोज में बदल जाता है।
इन चीजों से करें परहेज
शहद, केक, बेकरी फूड्स,सफेद चावल, सफेद ब्रेड, मैदा, सूजी जैसी हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजें न खाएं। फलों में आप आम, चीकू, केला, अंगूर, अनानास से परहेज करें।