नशा एक ऐसी लत है जो व्यक्ति का पीछा उसकी जान लेकर ही छोड़ती है। नशे के कारण भारत में हर वर्ष लाखों लोगों की मौत हो रही है। किसी को नशा नहीं मिला तो उसकी मौत, वहीं कई ओवर डोज की वजह से अपनी जान ग्वा रहे हैं। नशे के कारण जान जाने की एक वजह शरीर को लगने वाली गंभीर बीमारियां भी हैं। जिनमें से फेफड़ों का कैंसर और टीबी जैसे रोग मुख्य हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...
कभी न ठीक होने वाली फेफड़ों की बीमारी
जो लोग धूम्रपान यानि सिगरेट पीते हैं, उन्हें क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और इम्फीसेमा जैसी फेफड़ों की बीमारी हो जाती है। क्रोनिक यानि कभी न ठीक होने वाली बीमारी। यह ऐसी बीमारी है न तो व्यक्ति आसानी से जी सकता है और न ही उसे मौत नसीब होती है। हर वक्त सांस घुटी रहना, चलने फिरने में मुश्किल, हर वक्त खांसते रहना जैसी गंभीर समस्याएं हर वक्त बनी रहती हैं। निमोनिया धूम्रपान करने वालों को होने वाली एक आम बीमारी है, जो अक्सर इन लोगों के लिए घातक साबित होती है।
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के लक्ष्ण..
-गले में खराश
-थकान
-नाक का बहते रहना या बिल्कुल बंद हो जाना
-शरीर में दर्द
-मन खराब होना
-दस्त।
फेफड़ों का कैंसर
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के अलावा फेफड़ों का कैंसर भी इन मरीजों में आम देखा जाता है। 80 प्रतिशत धूम्रपान या फिर तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों की मौत फेफड़ों के कैंसर के कारण होती है। युवावस्था में धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों का कैंसर अधिक देखा गया है।
कैंसर के लक्ष्ण
-छाती के इर्द-गिर्द दर्द रहना।
-खांसी, सूखी या फिर खांसते वक्त मुंह से खून आना।
-सांस लेने में तकलीफ।
-भूख न लगना।
-वजन का लगातार कम होते जाना।
टीबी
कुछ नशा करने वाले लोग पैसे की कमी के कारण नशे का टीका लगाने के लिए अपने साथी का इंजेक्शन इस्तेमाल कर लेते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति टीबी जैसी नामुराद बीमारी की चपेट में आ जाता है।
टीबी की बीमारी के लक्ष्ण...
-लगातार तीन हफ्तों से अधिक खांसी।
-खांसी के साथ खून का आना।
-छाती में दर्द और सांस का फूलना।
-वजन का लगातार कम होते जाना।
-बुखार या ठंड लगना।
-रात में पसीना आना।
कोरोनरी हार्ट डिजीज
धूम्रपान करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है, साथ ही हाई बी.पी. की समस्या भी खड़ी हो जाती है। धूम्रपान करने वालों को दिल के दौरा भी बहुत जल्द पड़ सकता है।
बीमारी के लक्ष्ण
-खून के प्रवाह में रुकावट
-छाती में दर्द
-एंजाइना
-सांस लेने में परेशानी
-घबराहट
-अनियमित धड़कन
-चक्कर आना इत्यादि।
खून के थक्के बनना
शराब, सिगरेट या गुटका इत्यादि का सेवन करने से व्यक्ति के शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं। यह खून के थक्के शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकते हैं। ज्यादातर यह समस्या दिमाग, पैर और हाथों की कलाईयों के पास देखने को मिलती है।
दिमाग का दौरा
गलत ढंग से शराब पीने के कारण या फिर नशा की ओवर डोज के कारण कुछ लोगों को दिमागी दौरे पड़ने लगते हैं। दिमागी दौरे कह लीजिए या फिर मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं।
दिमागी दौरे के लक्ष्ण
-बेहोशी आना
-गिर पड़ना
-हाथ-पांव में झटके आना।