खराब लाइफस्टाइल के कारण लोग कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। बिजी लाइफस्टाइल के चलते हेल्दी फूड की जगह जंक फूड ज्यादातर लोगों की रुटीन का हिस्सा बन रहा है जिसके चलते जाने अनजाने में सभी कई तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। ज्यादा जंक फूड खाने से लिवर में एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगता है। यदि लिवर पर फैट जमा होना शुरु हो जाए तो व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतें हो सकती है। शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए लिवर का फिट होना बहुत जरुरी है। फैटी लिवर दो तरह के होते हैं नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज, अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज। अल्कोहॉलिक फैटी लिवर ज्यादा मात्रा में शराब पीने के कारण होता है और नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर खराब लाइफस्टाइल और जंक फूड खाने से होता है। फैटी लिवर की शुरुआत होने पर शरीर में कुछ लक्षण नजर आते हैं। आइए जानते हैं इनके लक्षणों के बारे में....
किस कारण से होता है फैटी लिवर?
शरीर में ज्यादा वजन बढ़ना मुख्य तौर पर मोटापा नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज का मुख्य कारण हो सकता है। इसके अलावा अतिरिक्त फैट जमा होने के कारण, हाई प्रोसेस्ड फूड्स भी इस समस्या को बढ़ावा हो सकते हैं। एक्सरसाइज और किसी तरह की शारीरिक गतिविधि न करने के कारण भी फैटी लिवर का जोखिम बढ़ने लगता है।
डायबिटीज
फैटी लिवर इंसुलिन प्रतिरोध की क्षमता से भी जुड़ा हुआ है। इसके अलावा टाइप 2 डायबिटीज भी और टाइप 2 डायबिटीज होने से पहले हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और मेटाबॉल्जिम संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
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पीलिया
फैटी लिवर के कारण व्यक्ति पीलिया से भी ग्रस्त हो सकता है। त्वचा में पीलापन, आंखों का सफेद होना पीलेपन की शुरुआत हो सकती है। पीलिया लिवर में इंफेक्शन का मुख्य लक्षण हो सकता है ऐसे में यदि आपको यदि यह समस्या होती है तो इसे इग्नोर न करें।
पेट से जुड़ी समस्याएं
पेट में सूजन होना भी फैटी लिवर का ही संकेत है क्योंकि जब लिवर में फैट जमा होता है तो पेट में सूजन होने लगती है। ऐसे में यदि आपको पेट संबंधी कोई समस्या हो रही है तो डॉक्टर को जरुर दिखाएं।
वजन बढ़ना या कम होना
फैटी लिवर के कारण अचानक से वजन कम होना या बढ़ने की समस्या होने लगती है। इस समस्या के चलते मेटाबॉल्जिम का स्तर बाधित हो सकता है जिसके चलते वजन कम होना या बढ़ने लग सकता है। ऐसे में यदि बिना किसी कारण के आपका वजन कम या फिर बढ़ रहा है तो डॉक्टर को जरुर दिखाएं।
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पेशाब या मल का रंग बदलना
लिवर बिलिरुबिन का इस्तेमाल बाइल बनाने के लिए करता है लेकिन जब लिवर खराब होने लगे तो यह पेशाब या मल के जरिए निकल जाता है जिसके कारण पेशाब का रंग गहरा होने लगता है और मल का रंग भी बदल सकता है। ऐसे में यदि आपके भी पेशाब या मल का रंग बदले तो इस लक्षण को इग्नोर न करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
थकान
लगातार थकान भी फैटी लिवर की शुरुआत का संकेत देती है। लिवर मेटाबॉल्जिम की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है ऐसे में मेटाबॉल्जिम के कम होने पर शरीर में एनर्जी की कमी हो सकती है जिससे थकान बढ़ सकती है।
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दिल संबंधी समस्याओं का खतरा
फैटी लिवर एक ऐसी समस्या है यदि इसके शुरुआती लक्षणों पर गौर न की जाए तो यह समस्या बढ़ने के साथ कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा फैटी लिवर के चलते मेटाबॉल्जिम की प्रक्रिया पर असर पड़ता है। ऐसे में यदि कोई भी लक्षण दिखे तो इसे इग्नोर न करें और डॉक्टर को संपर्क जरुर करें।