21 जून यानि की कल इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण कई मायनों में खास है। ज्योतिषाचार्यों और वैज्ञानिकों के अनुसार यह ग्रहण वलयाकार यानी फायर रिंग के रूप में दिखेगा। इस कारण सूर्य ग्रहण के दौरान दिन में कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाएगा। ग्रहण सुबह 10:20 मिनट पर शुरू होगा और इसकी समाप्ति दोपहर 01:49 बजे तक होगी। सूर्य ग्रहण का मध्य काल दोपहर 12.18 बजे होगा। वही, सूतक काल 20 जून शनिवार रात 10:27 से शुरू और रविवार शाम 4 बजे समाप्त होगा। बता दें कि ज्योतिष ग्रहण पहले व बाद के 12 घंटे को सूतक काल मानते हैं।
अब हम आपको बताते हैं कि ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
- पारंपरिक मान्यताओं के मुताबिक, ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए और ना ही खाना पकाना चाहिए। कहा जाता है कि ग्रहण से निकलने वाली हानिकारक किरणें खाने को दूषित कर देती है, जिसे खाने से सेहत को नुकसान होता है।
- ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले ही भोजन कर लेना चाहिए। बूढ़े, बालक, रोगी और गर्भवती महिलाएं डेढ़ प्रहर 4 घंटे पहले तक खा सकते हैं।
- ग्रहण से पहले खाने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें और ग्रहण खत्म होने के बाद उसे निकाल दें। इससे खाना शुद्ध रहेगा।
- ग्रहण खत्म होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव जरूर करें। इससे घर की नकारात्मकता दूर हो जाएगी।
- ग्रहण के बाद सोना या चांदी का प्रतिबिंब बनवा कर दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- इस दौरान लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर जरूरत पड़ने पर बाहर जाना पड़ रहा है तो सुनसान जगहों पर जानें से बचें।
- ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
- सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से ना देखें। इससे आंखें बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
-सूतक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते।
- ग्रहण के समय तेल लगाना, केश बनाना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़ना, ताला खोलना आदि वर्जित हैं।
- ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए। माना जाता है इससे व्यक्ति रोगी होता है।
- ग्रहण के दिन पत्ते, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए।
- अगर आपके घर में मंदिर है तो सूतक लगते ही उसके कपाट बंद कर दें या फिर मंदिर को पर्दे से ढक दें।
- ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करनी चाहिए। घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करना चाहिए।
प्रेग्नेंट महिलाएं रखें खास ख्याल
ग्रहण के समय खासकर गर्भवती महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान किए गए कुछ काम जच्चा और बच्चा दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
अगर आप प्रेग्नेंट है तो घर से बाहर ना निकलें और इस दौरान तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करें। ग्रहण लगने से पहले जरूर नहा लें। इसके अलावा जब ग्रहण खत्म हो जाए तो दोबारा स्नान करें।
ग्रहण की हानिकारक तिरंगों की वजह से पका हुआ खाना अशुद्ध हो जाता है इसलिए इस दौरान कुछ खाने-पीने से भी परहेज करें।
गर्भवती महिला चाकू, कैंची, सूई और पैन जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल भी ना करें। यही नहीं, महिलाओं के साथ उनके पतियों को भी ग्रहण के दौरान इन चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उसके शिशु के अंगों को हानि पहुंच सकती है।
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने पास नारियल रखना चाहिए। इससे नेगेटिव एनर्जी आस-पास नहीं आती। भूलकर भी ग्रहण को ना देखें। माना जाता है कि इससे महिलाओं के लिवर, स्किन और आंखों को बहुत अधिक हानी होती है। साथ ही गर्भ में पर रहे बच्चे को भी त्वचा से जुड़ी किसी तरह की परेशानी हो सकती है।
खिड़कियों व दरवाजे को अच्छे से बंद कर दें ताकि ग्रहण की कोई भी किरण घर में प्रवेश न कर सके। इसी के साथ नाभि के पास चंदन का पेस्ट या गोबर लगाएं।