सर्दियों का मौसम अपने साथ कई हैल्थ प्रॉब्लम्स भी लेकर आता है। सर्दियां शुरू होते ही सर्दी-जुकाम, कफ, खांसी और गले में खराश के साथ कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी रहता है। शोध की मानें तो इस मौसम में हार्ट का खतरा 6 गुना तक बढ़ जाता है। हार्ट अटैक किसी को भी बताकर नहीं आता लेकिन इससे पहले कुछ संकेत जरूर दिखाई देते हैं, जिसे अगर समय पर पहचान लिया जाए तो रोगी की जान बचाई जा सकती है।
ऐसा भी हो सकता है कि दिल का दौरा पड़ा हो लेकिन आपको इसका पता भी ना चला हो। मेडिकल भाषा में इसे 'साइलेंट' हार्ट अटैक कहा जाता है। चलिए आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ जाता है और इसके लक्षणों को कैसे पहचानें...
साइलेंट या माइल्ड हार्ट अटैक क्या है?
साइलेंट हार्ट अटैक तब आता है जब दिल की ओर ब्लड सर्कुलेशन धीमी या बंद हो जाता है। व्यक्ति को अक्सर साइलेंट अटैक से पहले और बाद में सामान्य लक्षण महसूस होते हैं, जिससे वो इसे पहचान नहीं पाते। वहीं, वहीं माइल्ड अटैक में हृदय का सिर्फ छोटा-सा हिस्सा ही प्रभावित होता है, जिससे स्थाई तौर पर नुकसान नहीं पहुंचाता।
सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है खतरा?
शोध की मानें तो सर्दियों में कम तापमान के कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते। इसकी वजह से शरीर में खून का संचार सही तरीके से नहीं हो पाता। वहीं, इस दौरान बीपी, शुगर लेवल कम-ज्यादा होना और खून में गाढ़ापन होने की वजह से अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
साइलेंट अटैक के लक्षण
इसमें मरीज को छाती में दर्द की बजाए जलन महसूस होती है। इसके अलावा...
. कमजोरी
. एसिडिटी, अपच
. डिहाइड्रेशन
. सांस लेने में तकलीफ
. सीने में जकड़न या सांस फूलना
. बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
माइल्ड हार्ट अटैक के लक्षण
. गर्दन और जबड़े के पिछले हिस्से में दर्द
. हाथ में दर्द या झनझनाहट
. अधिक व अचानक पसीना आना
. सांस फूलना और चक्कर आना
. डकार, हार्ट बर्न और पेट दर्द
हार्ट अटैक से बचने के लिए सबसे पहले खानपान सही रखें और नियमित रूप से योग व एक्सरसाइज करें। इसके साथ ही तनाव ना लें क्योंकि इससे भी हार्ट का खतरा काफी बढ़ जाता है। साथ ही कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।