गलत खान-पान, स्ट्रेस और अनियमित रुप से भोजन करने से पेट में जलन होना आम बात है। पेट में होने वाली इसी जलन की परेशानी को अंग्रेजी भाषा में एसिडिटी का नाम दिया जाता है। कुछ लोग इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अंग्रेजी दवाओं का सेवन करते हैं। महीने में 1 या 2 बार दवाओं का सेवन कहीं न कहीं ठीक रहता है, मगर इन दवाओं को अपनी आदत बना लेना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे...
एसिडिटी की समस्या क्यों होती है?
हमारे शरीर में कई तरह के एसिड प्राकृतिक रुप से काम करते हैं, मगर यदि आप जरुरत से ज्यादा एसिडिक भोजन का सेवन कर लेते हैं तो शरीर में मौजूद हाइड्रोक्लोरिक नामक प्राकृतिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिस वजह से पेट और साने में जलन होना आम बात है। जो लोग हर रोज अपने खान-पान में इस तरह की गलतियां करते हैं, उन्हें एसिडिटी की समस्या दूसरे लोगों से अधिक होती है, जिसके चलते कुछ लोग हर रोज इस समस्या से राहत पाने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं।
किडनी पर पड़ने वाला बुरा असर
केवल एसिडिटी ही नहीं बल्कि पेन किलर जैसी दवाओं का ऩियमित सेवन करने से भी किडनी पर बुरा असर डलता है। जिस वजह से किडनी फेलियर जैसी नौबत तक आन पड़ती है। दर्द और एसिडिटी को कम करने वाली दवाओं का सीधा असर आपके किसी न किसी किडनी पार्ट पर जरुर डलता है, ज्यादतर यह असर किडनी पर देखने को मिलता है। कोशिश करें एसिडीटी होने पर घरेलू उपायों का इस्तेमाल करें। जैसे कि...
-नींबू वाली चाय
-हाजमे को दुरुस्त करने वाला चूर्ण
-आंवला जूस
-दिन में एक बार सलाद जरुर खाएं
-सर्दियों में शाम के वक्त चाय की जगह कभी-कभार वेजिटेबल सूप बनाकर पिएं।
-कोशिश करने महीने में 1 या दो बार की कुछ तला हुआ खाएं।
-हफ्ते में एक बार फलाहार फास्ट यानि व्रत जरुर करें।
-दिन में 7 से 8 गिलास पानी पिएं।
-अगर एसिडिटी की समस्या ज्यादा है तो रात के वक्त दूध पीने से परहेज करें।
-तनाव कम से कम लें।
-धनिया का रस निकालकर पीने से भी एसिडिटी में राहत मिलती है, स्वाद बदलने के लिए उसमें थोड़ा सी चीनी डाल लें।
-अगर आपकी सिटिंग जॉब है तो लंच ब्रेक के बाद एक दम से सीट पर न बैठें।
एसिडिटी बढ़ाने वाले खतरनाक कारक
चॉकलेट, पुदीना, लहसुन, प्याज और ज्यादा मसालेदार भोजन का सेवन ऐसिडिटी की समस्या को और बढ़ा देता है। चाय,कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक के ज्यादा सेवन से भी यह समस्या बढ़ती है। ऐसे में एसिडिटी की दवाएं खाने से बेहतर है कि इन सभी चीजों से दूर रहें।
गर्भवती महिलाओँ में
एसिडिटी की ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं में भी देखने को मिलती है। ऐसा अक्सर लंबे समय तक बैठे रहने और ज्यादा खट्टी या फिर तली-भुनी चीजों के सेवन के कारण होता है। प्रेगनेंसी के दौरान इन परेशानियों से बचने के लिए खाने के बाद हल्की-फुल्की सैर जरुर करें। चटपटा खाने को दिल करे तो घर पर बनाकर ही कुछ खाएं।
तो ये थी एसिडिटी से जुड़ी कुछ खास बातें, जिन्हें ध्यान में रखकर आप दवाओं का सेवन करने से बच जाएंगे।