नारी डेस्क: बच्चे को मां का दूध पिलाना उसके शुरुआती विकास के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय बाल रोग अकादमी (IAP) के अनुसार जन्म से लेकर पहले 6 महीने तक केवल मां का दूध (एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग) बच्चे की सभी पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा करती है। कुछ महिलाएं बच्चों को सिर्फ 6 महीने तक ब्रेस्टफीड करवाती हैं तो वहीं कुछ 4-5 साल तक अपना दूध पिलाती रहती हैं। आज हम बताते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग बच्चे के किस उम्र तक करानी चाहिए और कब इसे बंद कर देना चाहिए।
कब तक जारी रखें ब्रेस्टफीडिंग
6 महीने के बाद, शिशु को धीरे-धीरे ठोस आहार (सॉलिड फूड) देना शुरू करना चाहिए, लेकिन ब्रेस्टफीडिंग जारी रखनी चाहिए। मां का दूध इस समय भी इम्यूनिटी बढ़ाने और पोषण देने में मदद करता है।1 साल की उम्र तक बच्चे को स्तनपान के साथ-साथ संतुलित ठोस आहार दिया जाना चाहिए। WHO का सुझाव है कि 2 साल की उम्र तक या इससे अधिक समय तक मां का दूध बच्चे के आहार का हिस्सा बना रह सकता है।
ब्रेस्टफीडिंग कब बंद करें?
अधिकांश माताएं ब्रेस्टफीडिंग धीरे-धीरे बंद करने की सोचती हैं। अगर बच्चा 2 साल से बड़ा है और अब भी दूध छोड़ने में दिक्कत हो रही है, तो यह धीरे-धीरे और समझदारी से किया जा सकता है। अचानक बंद करने से बेहतर है कि धीरे-धीरे स्तनपान की आवृत्ति को कम करें। एक समय पर एक फीडिंग कम करें और ठोस आहार का सेवन बढ़ाएं। बच्चे को दिनचर्या में बदलाव करके धीरे-धीरे ब्रेस्टफीड से हटाने की कोशिश करें। सोने से पहले के समय, या अन्य फीडिंग टाइम्स को बदलने की कोशिश करें।
बच्चे की इस तरह छुड़ाएं आदत
जैसे-जैसे आप स्तनपान को कम कर रही हैं, बच्चे को पौष्टिक स्नैक्स और दूध के विकल्प (जैसे गाय का दूध, अगर 1 साल से बड़ा है) देने की कोशिश करें। बच्चे का ध्यान हटाने के लिए खेल या किताबों का सहारा लें। खासकर वे समय जब बच्चा स्तनपान मांगता हो। बच्चे के लिए स्तनपान सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि सुरक्षा और आराम का स्रोत भी हो सकता है। इसलिए, धैर्य से काम लें और बच्चे की भावनात्मक ज़रूरतों को समझें। अगर आपको इसमें ज्यादा कठिनाई महसूस हो रही है, तो आप बाल रोग विशेषज्ञ या स्तनपान सलाहकार से भी सलाह ले सकती हैं।