जब भी राजा-रजवाड़े और महलों की आती है तो बकिंघम पैलेस का जिक्र जरूर होता है। इस महल की खूबसूरती की दुनिया दीवानी है, लेकिन भारत में भी एक ऐसा महल है जाे बकिंघम पैलेस से भी 4 गुना बड़ा आलिशा है।1890 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III के निजी निवास के रूप में निर्मित, लक्ष्मी विलास पैलेस वास्तव में भारत की सबसे भव्य संरचनाओं में से एक है। आज हम बात करने जा रहे हैं इस पैलेस की महारानी के बारे में जो अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है।
लक्ष्मी विलास पैलेस में रहता है गायकवाड़ परिवार
लक्ष्मी विलास पैलेस रॉयल फैमिली ऑफ बड़ौदा यानी रॉयल गायकवाड़ परिवार का घर है। महाराज समरजीत सिंह गायकवाड़ और उनकी पत्नी महारानी राधिका राजे गायकवाड़ अपने परिवार के साथ इस पैलेस में रहते हैं। बड़ौदा की महारानी राधिका राजे पनी जिंदगी ठाट बाट से नहीं बल्कि एक आम इंसान की तरह जीना पसंद करती हैं। उन्हें मिलियनेयर एशिया पत्रिका में "आधुनिक महारानी" के रूप में चित्रित करने के अलावा फोर्ब्स पत्रिका द्वारा भारतीय साम्राज्य राजवंश की सबसे खूबसूरत महिला भी घोषित किया जा चुका है।
राधिका राजे जीती है आम जिंदगी
दरसअल राधिका के पिता माना वांकानेर के महाराजा कुमार डॉ रंजीत सिंह शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले एकमात्र ऐसे इंसान थे, जिन्होंने शाही परिवार का सुख छोड़कर आईएएस अधिकारी बनने का मन बनाया था। राधिका भी अपने पिता की तरह कुछ अगल करना चाहती थी। उन्होंने एक बार बताया था कि
20 साल की उम्र में उन्हें इंडियन एक्सप्रेस में बतौर लेखिका जॉब मिल गई। इस जॉब के साथ ही उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री भी कंप्लीट की। महारानी बताती है कि- मैं अपने परिवार की पहली ऐसी महिला थी जो बाहर नौकरी के लिए जाती थी वही जबकि मेरे चचेरे भाइयों की शादी मात्र 21 साल की उम्र में हो गई थी।”
लॉकडाउन के दौरान महारानी ने की थी लोगों की मदद
राधिका का कहना है कि उन्हें असली पहचान शादी के बाद मिली। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने उन लोगों की मदद की जिनके पास कमाई का कोई साधन नहीं था। इस दौरान उन्होंने अपनी बहन के साथ मिलकर कई गांवों का दौरा किया और सोशल मीडिया पर इसके बारे में पोस्ट करना शुरू किया और देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोगों ने मदद की पेशकश की। इस दौरान करीब 700 से भी अधिक परिवारों की मदद की गई। उनका मानना है कि महारानी होने का मतलब सिर्फ ताज पहन कर रखना नहीं है, हकीकत इस चमक-धमक से कोसों दूर होती। उन्होंने कहा- मैंने वही किया जिसकी उम्मीद लोगों को मुझसे नहीं थी।
रानी के परिवार के पास है इतनी संपत्ति
वहीं महारानी के पैलेस की बात करें तो लक्ष्मी विलास पैलेस वडोदरा 700 एकड़ मे विस्तार है, यह सबसे बड़ा निजी निवास है। समरजीत सिंह को परिवार से 20000 करोड़ रुपये की संपत्ति और राजा रवि वर्मा की कई पेंटिंग विरासत में मिली है। उनके पास सोने और चांदी के आभूषण हैं। गुजरात और वाराणसी में 17 मंदिरों के ट्रस्ट का प्रबंधन भी गायकवाड़ परिवार करता है। इस महल को बनाने में 12 साल लग गए थे। चार्ल्स फेलो चिशोल्म ने इस महल को डिजाइन किया था।
महल की खूबसूरती है देखने लायक
महल के अंदरूनी हिस्सों को शानदार झूमर, मोज़ाइक और कीमती कलाकृतियों से सजाया गया है। इसका दरबार हॉल, संगीत समारोहों और अन्य सांस्कृतिक समारोहों के लिए उपयोग किया जाता है, यह विशेष विनीशियन मोज़ेक फर्श और खिड़कियों के साथ बेल्जियम के सना हुआ ग्लास के साथ इसकी प्रमुख विशेषताओं में से एक है। महल परिसर में मोती बाग पैलेस, महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय भवन और लक्जरी एलवीपी बैंक्वेट्स और सम्मेलनों सहित कई इमारतें हैं।