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Heart Broken Moment! जैवलिन थ्रोअर खिलाड़ी को मजबूरी में बेचना पड़ा 'टोक्यो ओलंपिक' में जीता सिल्वर मेडल

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 19 Aug, 2021 02:22 PM
Heart Broken Moment! जैवलिन थ्रोअर खिलाड़ी को मजबूरी में बेचना पड़ा 'टोक्यो ओलंपिक' में जीता सिल्वर मेडल

ओलंपिक में मेडल जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है। मेडल पाने के लिए हर खिलाड़ी कई-कई साल अपने खेल के उपर मेहनत करता है जिसके बाद उसे मेडल तक पहुंचने का राह मिलता है। वहीं एथलीट खिलाड़ियों के लिए मेडल जीतना किसी सपने के सच होने जैसा होता है लेकिन पोलिश की एक एथलीट ने जीत के कुछ दिनों बाद ही अपना सिल्वर मेडल निलाम कर दिया

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टोक्यो ओलंपिक खिलाड़ी ने निलाम किया अपना सिल्वर मेडल
जी हां, ‘टोक्यो ओलंपिक 2020’ में सिल्वर मेडल जीतने वाली पोलिश की जैवलिन थ्रोअर मारिया ने एक मासूम बच्चे की जान बचाने के लिए अपना मेडल नीलाम कर दिया है।  बच्चे को हार्ट सर्जरी की जरूरत थी, ऐसे में मारिया ने पैसे जुटाने के लिए अपने पदक की नीलामी कर दी। बता दें कि 25 साल की एथलीट मारिया ने यह मेडल टोक्यो ओलंपिक में 64.61 मीटर भाला फेंक कर  हासिल किया था।

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 8 महीने के बच्चे की मदद के लिए उठाया यह कदम
मारिया आंद्रेजिक ने अपने टोक्यो खेलों के सिल्वर मेडल को करीब 125,000 डॉलर में नीलाम किया। इस बात की जानकारी मारिया ने खुद अपने फेसबुक पेज के जरिए एक पोस्ट में दी। उन्होंने लिखा कि वह 8 महीने की बच्चे के लिए फंडराइजर में आई थी, जिसे हार्ट की गंभीर बीमारी थी और उसे सर्जरी की जरूरत थी ऐसे में मैनें ओलंपिक पदक को नीलाम करने का फैसला किया ताकि उसके लिए पैसे जुटाने में मदद मिल सके, मारिया के इस फैसले ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया और लोग उनकी खूब सराहना कर रहे हैं। 

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खरीददार ने वापस लौटाया खिलाड़ी को मेडल
वहीं, सोमवार को मारिया ने इंस्टाग्राम के जरिए बताया कि पोलिश सुपरमार्केट सीरीज जबका ने $125,000 की बोली के साथ मेडल खरीदा है। जुटाए गए पैसे से बच्चे की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में  सर्जरी करवाई गई। वहीं मेडल खरीदने के बाद जबका ने वो मेडल मारिया को वापस भी लौटा दिया जो वाकई काबिलेतारीफ था।

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हड्डी के कैंसर से लड़ने के बाद पाया था मारिया ने सिल्वर मेडल 
बता दें कि मारिया आंद्रेजिक जो 2016 के रियो ओलंपिक में 2 सेंटीमीटर से ओलंपिक पदक से चूक गई थी, 2017 में कंधे की चोट से पीड़ित थी और 2018 में उन्हें हड्डी का कैंसर हो गया था। इसके बावजूद उन्होंने अपने खेल को जारी रखा और मेहनत के दम पर टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने अपना पहला सिल्वर मेडल जीता। 

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