नारी डेस्क: महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अक्सर दर्द और असुविधा का सामना करना पड़ता है। इससे निपटने के लिए, कई महिलाएं दर्द निवारक दवाओं का सहारा लेती हैं। हालांकि, इन दवाओं का ज्यादा और अनियंत्रित उपयोग हमारे लीवर और अन्य अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि किस प्रकार ये दवाएं आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं और कौन से उपाय अपनाए जा सकते हैं।
पीरियड के दौरान आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं
अक्सर महिलाएं पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) जैसे आइबुप्रोफेन या डिक्लोफेनेक का उपयोग करती हैं। ये दवाएं शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिन के उत्पादन को कम करती हैं, जो दर्द और सूजन के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन दवाओं का उपयोग करने से दर्द में तेजी से राहत मिलती है। लेकिन, दीर्घकालिक उपयोग और उच्च खुराक का सेवन लीवर, किडनी, और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है।
लीवर पर NSAIDs का प्रभाव
NSAIDs का मुख्य असर लीवर पर होता है। ये दवाएं लीवर में मेटाबोलाइज़ होती हैं और अगर इनका अत्यधिक उपयोग किया जाए, तो लीवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
लीवर टॉक्सिसिटी का खतरा
लीवर शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है। जब अधिक मात्रा में NSAIDs का सेवन किया जाता है, तो लीवर को इन दवाओं को संसाधित करने में कठिनाई हो सकती है। इससे लीवर टॉक्सिसिटी या लीवर में सूजन हो सकती है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से लीवर सिरोसिस या अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
किडनी और अन्य अंगों पर प्रभाव
NSAIDs का प्रभाव केवल लीवर तक सीमित नहीं होता, बल्कि ये दवाएं किडनी और दिल पर भी गंभीर असर डाल सकती हैं। किडनी में, ये दवाएं रक्त प्रवाह को कम करके किडनी की कार्यक्षमता को बाधित करती हैं, जिससे किडनी फेलियर या अन्य किडनी संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, दीर्घकालिक उपयोग से ये दवाएं दिल की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ा सकती हैं, क्योंकि ये रक्त प्रवाह और रक्तचाप को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, इन दवाओं का अत्यधिक सेवन पेट में अल्सर और गैस्ट्रिक समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
किडनी की समस्याएं
NSAIDs किडनी में रक्त प्रवाह को कम कर सकती हैं, जिससे किडनी फेलियर या अन्य किडनी संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। यह समस्या खासतौर पर उन महिलाओं में देखी जाती है जो लंबे समय से इन दवाओं का उपयोग कर रही हैं।
दिल और पेट पर प्रभाव
NSAIDs का उपयोग दिल के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह दवाएं रक्तचाप को बढ़ा सकती हैं और हृदय संबंधी समस्याओं जैसे दिल के दौरे या स्ट्रोक की संभावना को भी बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा, NSAIDs पेट के लिए भी हानिकारक हो सकती हैं, क्योंकि इनका लगातार सेवन पेट की आंतरिक परत को कमजोर कर देता है, जिससे अल्सर, गैस्ट्रिक समस्याएं और रक्तस्राव जैसी गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
दवाओं के उपयोग में सावधानियां
दवाओं का सीमित उपयोग
पीरियड्स के दौरान दर्द निवारक दवाओं का उपयोग पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन इनका उपयोग सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिए। दर्द को सहन करने की क्षमता के अनुसार दवाओं का चयन और सेवन करना बेहतर होता है।
नेचुरल चीज़ो को शामिल करे
एसे में दवाओं के बजाय कुछ नेचुरल उपाय भी अपनाए जा सकते हैं, जैसे गर्म पानी की बोतल का उपयोग, योग, और सही आहार। इससे दर्द कम हो सकता है और शरीर पर बुरा प्रभाव भी नहीं पड़ते हैं।
पीरियड्स के दौरान Painkiller Medicine तत्काल राहत तो देती हैं, लेकिन उनका ज्यादा और लंबे समय तक उपयोग लीवर, किडनी, और अन्य अंगों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, इन दवाओं का उपयोग सोच-समझकर और डॉक्टर की सलाह से करना आवश्यक है। इसके साथ ही, प्राकृतिक और घरेलू उपायों का सहारा लेकर भी आप दर्द से राहत पा सकती हैं, जिससे आपके शरीर को कोई नुकसान न हो।