सऊदी अरब दुनिया भर में अपने अजब गजब कानूनों को लेकर हमेशा से चर्चा का विषय बना रहा है। लोग यह भी जानते हैं कि वहां महिलाओं को लेकर कानून कितने सख्त हैं। एक समय ऐसा भी था कि महिलाओं को वहां ड्राइविंग करने तक की इजाजत नहीं थी लेकिन अब वहां महिलाओं को इसकी इजाजत दे दी गई। इस इजाजत की मांग करने वाली और महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाने वाली लुजैन अल हथलौल को इसके लिए जेल भी जाना पड़ा था लेकिन हाल ही में वह जेल से रिहा हो गई हैं।
कौन है लुजैन अल हथलौल?
दरअसल लुजैन सऊदी अरब की महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं। लुजैन वहीं महिला हैं जिन्होंने सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग का हक दिलाने के लिए आवाज बुंलद की और इसके लिए सरकारा पर भी लगातार दबाव बनाया।
क्यों हुई थी लुजैन को जेल?
दरअसल लगातार महिलाओं के लिए आवाज उठाने वाली और सरकार पर दबाव बनाने वाली लुजैन को कोर्ट ने देशद्रोही बता दिया था इतना ही नहीं आतंकवाद निरोधक कानून के तहत लुजैन पर कईं आरोप भी लगाए और उन्हें जेल भेज दिया। लुजैन पर सत्ता परिवर्तन के लिए आंदोलन करने, इंटरनेट का उपयोग करके अव्यवस्था पैदा करने और विदेशी एजेंडा चलाने के आरोप लगे थे।
1001 दिन बाद हुईं रिहा
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो साल 2018 में लुजैन को तकरीबन 5 साल 8 महीने की सजा सुनाई गई थी हालांकि पिछले साल ही लुजैन की सजा में 2 साल 10 महीने की कटौती कर दी गई थी। इसके बाद वह बीते दिन जेल से तीन साल बाद रिहा हुई हैं।
यूएन के महासचिव ने लुजैन की रिहाई पर जताई खुशी
लुजैन की रिहाई पर यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने और प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह जरूरी है कि अन्य जो भी उनके जैसी ही स्थिति में हैं, जिन्हें यही कारणों के चलते जेल में डाल दिया गया है, उन्हें भी रिहा किया जाना चाहिए।' लूजैन की गिरफ्तारी पर अतंरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हुई थी और कईं देशों ने सऊदी की निंदा की थी। दुनिया भर में निंदा होने के बाद इस पर सऊदी अरब ने कहा था कि लुजैन को हिरासत में लिए जाने का गाड़ी चलाने के अधिकार वाले मामले से कुछ लेना देना नहीं है।