नारी डेस्क: ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने एक नई अध्ययन के माध्यम से बताया है कि बच्चों के रक्त में मौजूद लिपिड की विशेष जांच से भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। यह खोज टाइप-टू डायबिटीज, लिवर और हृदय संबंधी बीमारियों की समयपूर्व पहचान में सहायक हो सकती है।
लिपिड क्या होता है?
लिपिड मानव शरीर में एक महत्वपूर्ण तत्व होता है, जो रक्त के साथ ही कोशिकाओं के संचालन, ऊर्जा संग्रहण और हार्मोन्स के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। ये ऑक्सीजन, हाईड्रोजन और कार्बन के मिश्रण से बनते हैं और शरीर की कोशिकाओं की संरचना को निर्धारित करते हैं।
शोध का महत्व
डॉक्टर क्रस्टिना लेडिगो क्विग्ले के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने दशकों से लिपिड के विश्लेषण पर कार्य किया है। हाल ही में प्रकाशित शोध में यह स्पष्ट किया गया है कि लिपिड के अणुओं के माध्यम से बच्चों में भविष्य में होने वाली किसी गंभीर बीमारी का अनुमान लगाया जा सकता है। इस तकनीक का नाम **मास स्पेक्ट्रोमेट्री है, जो लिपिड के विश्लेषण में मदद करती है।
मोटापे पर आधारित अध्ययन
शोध में 1300 मोटापे से ग्रस्त बच्चों के रक्त में मौजूद लिपिड का विश्लेषण किया गया। इनमें से 200 बच्चों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया। परिणामस्वरूप, जिन बच्चों का लिपिड और रक्तचाप संतुलित रहा, उनके स्वास्थ्य में सुधार देखा गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तकनीक से बच्चों को गंभीर रोगों से बचाया जा सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की पहचान
वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि लिपिड के विश्लेषण से न केवल बच्चों में भविष्य में बीमारियों की पहचान संभव है, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की पहचान में भी मदद करेगा। यह शोध दर्शाता है कि बच्चों के लिए लिपिड की जांच एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो उन्हें स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है।
लिपिड जांच के माध्यम से बच्चों में भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों का पूर्वानुमान लगाना स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। यह तकनीक बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है और उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।