नारी डेस्क: अमेरिका में बर्ड फ्लू (H5N1) के कारण पहली मौत के बाद, यह सवाल उठ रहा है कि क्या बर्ड फ्लू के दौरान अंडा खाना सुरक्षित है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या अंडे बर्ड फ्लू फैलाने का कारण बन सकते हैं और इस दौरान किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।
बर्ड फ्लू क्या है और कैसे फैलता है?
बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (HPAI) कहा जाता है, एक प्रकार का वायरस है जो मुख्य रूप से पक्षियों में फैलता है। हाल ही में, अमेरिका के लुइसियाना राज्य में H5N1 वायरस के कारण पहली मौत हुई। मौत का कारण उस व्यक्ति का जंगली पक्षियों से संपर्क था। हालांकि, अब तक यह वायरस इंसानों से इंसानों में फैलने का कोई प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन पक्षियों से संपर्क से बचने की सलाह दी जा रही है।
क्या अंडे खाना बर्ड फ्लू का कारण बन सकता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किराने की दुकानों से खरीदे गए अंडों को सही तरीके से पकाया जाता है, तो ये पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। एवियन इन्फ्लूएंजा पोल्ट्री फार्मों में ज्यादा संक्रामक होता है, इसलिए अगर कोई संक्रमित पक्षी या दूषित वातावरण से संपर्क होता है तो उसे बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
क्या बर्ड फ्लू के दौरान अंडे खाना खतरनाक हो सकता है?
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) और USDA के अनुसार, बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों के अंडे रिटेल मार्केट तक पहुंचने का जोखिम बहुत कम है। 2010 में इन एजेंसियों ने इस पर अध्ययन किया था और पाया कि अंडे के छिलके से इंसान संक्रमित नहीं होते। ठीक से पकाए गए अंडे सुरक्षित होते हैं, लेकिन कच्चे दूध से बचना चाहिए, खासकर अगर वह एवियन फ्लू से संक्रमित गायों का हो।
कौन से अंडे खाने से बचें?
अंडे को पूरी तरह से पकाना जरूरी है, क्योंकि बर्ड फ्लू से बचने के लिए कम पके अंडों से बचना चाहिए। सीडीसी ने भी सलाह दी है कि अंडों को 165 डिग्री फ़ारेनहाइट तक पकाना चाहिए ताकि किसी भी तरह के हानिकारक बैक्टीरिया या वायरस को मारा जा सके। अब तक ठीक से पके अंडों से बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है।
बर्ड फ्लू के दौरान अंडे खाना पूरी तरह से सुरक्षित है, बशर्ते आप उन्हें सही तरीके से पकाएं। कच्चे या कम पके अंडे खाने से बचना चाहिए। यदि आप अंडे खाते हैं, तो उन्हें 165 डिग्री फ़ारेनहाइट पर पका कर खाएं। इस दौरान अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।