चिकनगुनिया की बीमारी व्यक्ति को मच्छर के काटने से होती है। इस वायरस का पता सन् 1952 में चला था। खासतौर पर मानसून के मौसम में मच्छर बढ़ जाने के कारण इस बीमारी के होने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। ऐसे में इससे बचे रहने के लिए सेहत और अपने आसपास के वातावरण की साफ- सफाई का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। तो चलिए आज हम आपको चिकनगुनिया के लक्षण व उससे बचाव के तरीकों के बारे में बताते हैं...
चिकनगुनिया में शरीर पर दिखने वाले लक्षण...
तेज बुखार होना
इस बीमारी में व्यक्ति को तेज बुखार होने लगता है। यह बुखार लगातार कई दिनों तक रहता है। साथ ही ज्यादा तेज बुखार होने से शरीर का तापमान बढ़ा रहता है।
जोड़ो में तेज दर्द होना
गठिया के रोग की तरह चिकनगुनिया से पीड़ित को जोड़ों में दर्द रहता है। यह दर्द लंबे समय तक परेशान कर सकता है। इसके साथ ही शरीर में सूजन होने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
लगातार सिर दर्द रहना
चिकनगुनिया की चपेट में आए लोगों के सिर में तेज और लगातार दर्द रहता है।
शरीर पर रैशेज या चकत्ते पड़ना
शरीर पर रैशेज या चकत्ते पड़ना भी चिकनगुनिया के लक्षणों में से एक है। मगर आमतौर रह लक्षण सभी मरीजों में देखने को मिलते हैं।
बैचेनी होने पर चक्कर और उल्टी आना
शरीर में बैचेनी, उल्टी और चक्कर आना चिकनगुनिया के मुख्य लक्षणों में से हैं। ऐसे में व्यक्ति को चक्कर और उल्टी आने कुछ परेशानी हो सकती है।
मांसपेशियों में खिंचाव होने से दर्द रहना
इस दौरान पीड़ित के मांसपेशियों में खिंचाव होने से दर्द होता है। कभी- कभी तो यह दर्द असहनीय होने लगता है।
चिकनगुनिया से बचने के लिए इन चीजों का रखें ध्यान
- यह बीमारी मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से होती है। ऐसे में जितना हो सके घर से मच्छरों के काटने से बचें। इसके लिए घर की अच्छे से सफाई करें।
- घर के अंदर व बाहर कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें।
- घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे का इस्तेमाल करें।
- अपनी डाइट का खास ध्यान रखें।
- इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें।
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