देशभर में कोरोना का कहर ने हाहाकार मचा रखी है। इस वायरस से बचने के लिए टीका अभियान चल रहा है। जहां यह टीका पहले 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को लग रहा था। वहीं 1 मई 2021 दिन शनिवार से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों का भी टीकाकरण होगा। इसके साथ ही सरकार ने निजी कंपनियों को टीके बेचने की अनुमति देने का ऐलान किया है। 28 अप्रैल से कोविन ऐप पर टीकाकरण पंजीकृत शुुरू हो चुका है। इस समय केवल दो टीके, कोविशिल्ड और कोवासीन लगाए जा रहे हैं।
कुछ राज्यों में मुफ्त टीकाकरण की घोषणा
सभी निजी केंद्रों या सरकारी केंद्रों में टीकाकरण का अभियान होगा। साथ ही कई राज्यों में ये टीके मुफ्त में लगाने की सरकार द्वारा घोषणआ की गई है। मगर इससे लगवाने से पहले इस बात का निश्चित करना जरूरी है कि आखिर कौन सा टीका लगानाा चाहिए। इके लिए आपका कोविशील्ड और कोवासीन के बारे में जानना होगा।
तो चलिए जानते हैं कोविशील्ड वैक्सीन के बारे में...
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किया जा रहा है। इसे एडिनोवायरस को खत्म करने के लिए विकसित किया है। इससे पहले चिंपैजी में आम सर्दी- जुकाम करने वाले निष्क्रिय एडिनोवायरस के ऊपर SARS-CoV-2 की स्पाइन प्रोटीन का जेनेटिक मेटेरियल लगाकर इसे बनाया गया हैै।
ऐसे करती है काम
मरीज को इसकी एक डोज देने पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू कर देती है। साथ ही बॉडी कोविड19 की चपेट में आने पर तैयार होती है।
इतनी प्रभावकारी
यह वैक्सीन 70 प्रतिशत तक कारगर है। वहीं यह 90 प्रतिशत से ज्यादा भी हो सकता है। 1 माह के बाद मरीज को पूरी डोज देने के बाद।
स्टोरेज
बात इस बैक्सीन की स्टोरेज की करें तो इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जा सकता है।
कीमत
सीरम इंस्टीट्यूट यह वैक्सीन राज्य पर डोज 400 रुपये में और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में खरीद सकते हैं। वहीं केंद्र सरकार इसकी एक डोज 150 रुपये में ले सकते हैं।
अब हम आपको बताते हैं कोवैक्सीन वैक्सीन के बारे में...
वही बात कोवैक्सीन की करें तो यह एक निष्क्रिय वैक्सीन है। इसका अर्थ है कि इसे मृत कोरोना वायरस से बनाया गया है। इस वैक्सीन को भारतीय कंपनी भारत बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा बनाया गया है। इसमें मौजूद इम्यून सेल्स कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करने के लिए इम्यून सिस्टम को प्रोम्पट यानी प्रेरित करने में मदद करती है।
ऐसे करती है काम
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डिलीवरी के वक्त वैक्सीन SARS-CoV-2 कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करने के लिए इम्यूनिटी बनाने में मदद करती है। यह एंटीबॉडी वायरल प्रोटीन से संबंधित होती हैं, उदाहरण के तौर पर स्पाइक प्रोटीन जो इसकी सतह को स्टड करने का काम करते हैं।
इतनी प्रभावकारी
कोवैक्सीन को दूसरे अंतरिम एनालिसिस में 78 प्रतिशत और गंभीर कोरोना संक्रमण के खिलाफ 100 प्रतिशत अपना असर दिखाया है।
स्टोरेज
इसे 2- 8 डिग्री सेल्सियस पर आसानी से स्टोर कर सकते हैं।
कीमत
अब बात कोवैक्सीन की कीमत की करें तो यह राज्यों द्वारा पर डोज 600 रुपए और निजी (प्राइवेट) अस्पतालों को पर डोज 1,200 रुपए में मिलेगी। वहीं केंद्र सरकार इस वैक्सीन को 150 रुपये पर डोज पर खरीद सकता है।