23 DECMONDAY2024 2:49:50 AM
Nari

भारतीय मूल अरिंजय बनर्जी, जिन्होंने कोरोनो वायरस को Isolate करने में की मदद

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 19 Mar, 2020 05:43 PM
भारतीय मूल अरिंजय बनर्जी, जिन्होंने कोरोनो वायरस को Isolate करने में की मदद

दुनियाभर के कई देशों में फैल चुका कोरोना वायरस हर किसी के लिए आफत बन चुका है। देश-विदेश के वैज्ञानिक व डॉक्टर्स इसकी दवा ढूंढने में लगे हैं। हालांकि यह वायरस जिस देश से शुरू हुआ उसी ने सबसे पहले इसका इलाज भी ढूंढ निकाला। मगर, चीन द्वारा ढूंढा गया इलाज अभी दूसरे देशों में नहीं पहुंचा।

 

वहीं, कनाडा के शोधकर्ताओं की एक टीम भी इसका इलाज ढूंढने में कामयाब रही है। वहीं इस टीम में एक भारतवंशी भी शामिल हैं, जिनका नाम अरिंजय बनर्जी है। इस बड़ी कामयाबी के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस महामारी का इलाज भी जल्द ही मिल जाएगा।

PunjabKesari

भारतीय मूल अरिंजय बनर्जी, मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शियस डिसीज रिसर्च में पोस्ट डॉक्टोरल छात्र हैं। वह कोरोना वायरस और चमगादड़ों के मामलों के विशेषज्ञ भी है, जो वायरस के फैलने के बाद से ही काम कर लगे हुए हैं।

PunjabKesari

उनकी टीम द्वारा हासिल की गई इस कामयाबी से वैज्ञानिकों को इंजेक्शन बनाने व जीव विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, 'अब जब हमने SARS-CoV-2 वायरस को अलग कर दिया है (कोविड-19 के लिए जिम्मेदार), तो हम इसे अन्य शोधकर्ताओं के साथ साझा करेंगे और इस टीम वर्क को जारी रखेंगे।'

PunjabKesari

फिलहाल उनकी टीम यूनिवर्सिटी ऑफ टोरोंटो में इस वायरस के ऊपर काम कर रही हैं। अरंजिय की टीम में सन्नीब्रूक अस्पताल के डॉक्टर रॉब कोजाक और डॉक्टर कैरन मोसमैन, मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के फेलो रिसर्चर डॉक्टर समीरा मुबारेका शामिल हैं।

PunjabKesari

डॉक्टर समीरा एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और सन्नीब्रूक अस्पताल में इंफेक्शियस डिसीजीस फिजिशियन भी हैं। उन्होंने कहा कि अब टीम को कोरोना का इलाज ढूंढने के लिए कुछ खास उपकरणों की जरूरत है, ताकि वह जल्द ही इसका इलाज भी ढूंढ पाए।

लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP

Related News