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बढ़ेगी Nestle की मुसीबतें, केंद्र सरकार ने दिए FSSAI को जांच के आदेश

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 19 Apr, 2024 07:05 PM
बढ़ेगी Nestle की मुसीबतें, केंद्र सरकार ने दिए FSSAI को जांच के आदेश

अगर आप भी अपने बच्चे को नेस्ले की Cerelac को हेल्दी फूड समझकर खिला रहे थे जो रुक जाएं। अब ये कंपनी जिसने सालों तक हर भारतीय पैरेंट्स का भरोसा जीता है वो सवालों के घेरे में आ चुकी है। दरअसल, हाल ही की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि नेस्ले इंडिया कम विकसित देशों में ज्यादा चीनी वाले बेबी प्रोडक्ट्स बेचती है। इसको लेकर अब FSSAI जांच करेगी, जिससे कंपनी की मुसीबतें बढ़ गई हैं। स्विस गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि नेस्ले ने यूरोप के अपने बाजारों की तुलना में भारत सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में ज्यादा चीनी वाले शिशु उत्पाद बेचे।

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रिपोर्ट की करेंगे जांच

उपभोक्ता मामलों की सचिव और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण (सीसीपीए) की प्रमुख निधि खरे ने सरकारी एजेंसी से कहा, 'हमने एफएसएसएआई को नेस्ले के शिशु उत्पाद पर आई रिपोर्ट का संज्ञान लेने के को कहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीआर) ने भी रिपोर्ट पर गौर किया और एफएसएसएआई को नोटिस जारी किया है। इस बीच नेस्ले इंडिया ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि उसने पिछले पांच सालों में भारत में शिशु आहार उत्पादों में चीनी में 30 प्रतिशत से ज्यादा की कमी की है।'

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कंपनी ने कही ये बात

वहीं अब कंपनी के प्रवक्ता की ओर से कहा गया कि,'चीनी की कमी करना नेस्ले इंडिया की प्राथमिकता है। पिछले 5 सालों में हमने उत्पाद के आधार पर चीनी में 30 प्रतिशत तक की कमी की है। हम नियमित रूप से अपने उत्पादों की समीक्षा करते रहते हैं और पोषण, सुरक्षा और स्वाद से समझौता किए बिना चीनी के स्तर को कम करने के लिए अपने उत्पादों में सुधार करते रहते हैं'। कंपनी का दावा है  कि उसके बेबी प्रोडक्ट्स में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, लौह आदि जैसी पोषण तत्व होते हैं। वो गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करते हैं।

क्या है पूरा मामला?

रिपोर्ट्स में विभिन्न देशों में बेचे जाने वाले करीब 150 विभिन्न बेबी प्रोडक्ट्स की स्टडी में पाया गया है कि 6 महीने के बच्चों के लिए नेस्ले का गेंहू आधारित उत्पाद सेरेलैक ब्रिटेन और जर्मनी में बिना किसी अतिरिक्त चीनी के बेचा जाता है। वहीं भारत में पाए गए 15 सेरेलैक उत्पादों में एक बार के खाने में औसतन 2.7 ग्राम चीनी थी। रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में पैकेजिंग पर चीनी की मात्रा बताई गई थी। उत्पाद में सबसे ज्यादा चीनी थाईलैंड में 6 ग्राम पाई गई। फिलीपीन में 8 नमूनों में से 5 में चीनी की मात्रा 7.3 ग्राम पाई गई है। हैरानी की बात ये है कि पैकेट में इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
 

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